विद्या बालन: एक महिला कलाकार की शेल्फ लाइफ कम होती है, मैं यह सब नहीं मानती। By Mayapuri Desk 16 Mar 2022 in इंटरव्यूज Videos New Update Follow Us शेयर -लिपिका वर्मा विद्या बालन स्ट्रांग एवं प्रभावशाली किरदार करने के लिए जानी जाती है। और जो भी किरदार में उन्हें विश्वास हो उसे जरूर करती है -'शेरनी,'डर्टी पिक्चर 'हो या 'मिशन मंगल' और भी बेहतरीन कहानियां को विद्या ने बखूबी पर्दे पर उतारा है। अभी उनकी फिल्म ,'जलसा' १८ तारिक को अमेज़न प्राइम विडियो पर पेमिएर पर रिलीज़ के लिए तैयार है। इस में उनका साथ निभा रही है-शैफाली शाह। यह दोनों ही बेहद पावरफुल अभिनेत्री है। इस फिल्म के निर्देशक सुरेश त्रिवेणी है, जिन्होंने विद्या को 'तुम्हारी सलु ' में निर्देशित किया था। दोनों विद्या और सुरेश त्रिवेणी की जोड़ी अब जलसा को लेकर क्या गुल खियलएगी यह तो समय ही बतलायेगा।दर्शको को क्रिकेट को ,और सभी को विद्या से बड़ी आशा रहती है। विद्या बालन की पहली मीटिंग शैफाली के सतह कब हुई कुछ बताएं? यह लव स्टोरी तब शुरू हुई जब हम ,'जलसा' की रीडिंग सेशन के लिए पहली बारी ऑफिस में मिले। मुझे शेफाली का काम करने काम करने की प्रणाली जाननी थी। मानव कॉल<अभिनेता> ने मुझे बताया था की शैफाली के बारे में नाट्य तो था पर मुझे ज्यादा याद नहीं रहा। मैं बहुत ही धीमी आवाज़ में पढ़ रही थी क्यूंकि मैं नर्वस थी। पर यह शैफाली शाह है जैसे ही आयी मुझे झप्पी दी। बस मैं बहुत कम्फर्टेबले फील करने लगी। हमारे कुछ साथ में ज्यादा सीन्स नहीं है। सुना है पहली बारी शैफाली को आप एक टेलीविजन शो के सेट्स पर मिली थी? में एक टीवी शो शूट कर रही थी जिसमें एक कैम्पस सीन फिल्माया जा रहा था।यह सीन शेफाली और एक अन्य एक्टर पर फिल्माया जा रहा था। हम हम एक झुण्ड में एक्टर्स की तरह थे। मैंने इन्हे ,'बनेगी अपनी बात' में देखा हुवा था।उनकी परफॉरमेंस बेहद कमाल की एवं अविश्वसनीय थी। और जब भी में उनका काम स्क्रीन पर देखा करती मुझे हमेशा इसी तरह की फीलिंग महसूस होती। आप स्ट्रांग एवं प्रभावशाली किरदार निभाती है इस पर इंडस्ट्री की सोच है की आप स्टीरियो टाइप किरदार करती है, क्या कहना चाहेंगी आप? मुझे कोई इशू नहीं है उनकी इस सोच पर।हमेशा अच्छे संतोषजनक एवं सब्सटांटियल रोल मिल रहे है।में आश्चर्यचकित हूँ ऐसे किरदार यदि महिलाएं कर रही है तो लोगो को इस तरह का प्री नोशन <पूर्वधारणा >क्यों है।ऐसी सोच किसी पुरुष एक्टर के लिए नहीं होती है। क्यूंकि सभी को लगता है किसी भी पुरुष एक्टर का किरदार सब्सटांटियल होता है। अगर देखा जाए तो महिला सेंट्रल कैरेक्टर कर रही है। अतः मेरा मानना है कि सभी को इस तरह से महिला किरदार को किसी भी शब्द खासकर सब्सटांटियल रोल से अन्यथा किसी और चीज़ से जोड़ना नहीं चाहिए। विद्या ने करियर के शुरुआती दौर में भी काफी सारी फिल्मों को करने से मना किया है क्या आप बहुत चूसी रही है शुरू से? मेरे ख्याल से यह २००७/८ की बात है जब मुझे लगा मैंने अपना बेस्ट नहीं दिया किसी भी किरदार को। अतः ऐसा लगा बेकार में काम करने का कोई भी पॉइंट नहीं है।यदि कोई काम मुझे प्रेरित नहीं करता है तो क्युकर उससे जूडू?यह वही समय है जब,' इश्किया 'और 'पा 'की थी मैंने। कभी कभी थोड़ा रुक जाना ही महत्वपूर्ण होता है. अक्सर लोग यह समझते है और कहते भी थे कि एक महिला कलाकार की शेल्फ लाइफ कम होती है। मैं यह सब नहीं मानती। आपका किरदार ,'जलसा' में ग्रे है इस लिए पहली नरेशन में आपने इस किरदार को करने से मना कर दिया था ? जी हाँ मुझे लगा जलसा में थोड़ा मेरा किरदार ग्रे है। मैं थोड़ा जज कर रही थी और लगा लोग भी ऐसा ही सोचेंगे। बस क्यूंकि हम सभी पान्डेमिक के दौर से गुजर रहे थे अतः मैंने सोचा की मुझे ज्यादा जजमेंटल नहीं होना चाहिए। फिर दोबारा मैंने सोचा और इस माया के थोड़े से ग्रे किरदार को करने की हामी भर दी। यदि एक मेल एक्टर विलेन का किरदार करती है तो और यदि फीमेल एक्टर ग्रे करैक्टर करती है तो दोनों में फर्क की नज़रों से देखा जाता है, क्या आप ऐसा मानती है? मैने दरअसल, में इस तरह से कभी सोचा ही नहीं। मैं यही कहना चाहती हूँ इस समय फीमेल एक्टर के लिए सबसे बढ़िया समय है क्यूंकि बतौर फीमेल लिए बेहतरीन करैक्टर लिखे जा रहे है। मेल एक्टर कर क्या रहा है ?मैं किसी तरह से उनकी बेइज्जती नहीं कर रही हूँ।उनके लिए अभी तक इस तरह का ढांचा खुला ही नहीं है। महिलाएं लेयर्ड <बहुस्तरीय> कैरेक्टर निभा रही है इस समय।हम हर तरह के लोगों को पर्दे पर जीवंत कर रहे है। आप कहती है, 'मेल एक्टर कर क्या रहा है'? क्या यही वजह है आप ज्यादा मेल एक्टर्स के साथ काम नहीं कर रही है? मुझे २००८ से मेल एक्टर्स के साथ काम करने का मौका ही नहीं दिया गया है। हालांकि मैं इन सब चीज़ को मिस नहीं करती हूँ। मैंने बेहतरीन एक्टर्स के साथ काम किया है। मुझे ज्यादातर ए लिस्टर एक्टर्स के साथ काम करने का मौका नहीं मिला है। अक्षय कुमार के साथ ,'मिशन मंगल' की थी और एक फिल्म इमरान हाश्मी के साथ की थी।पर मुझे बेहतरीन फ़िल्में एवं किरदार मिल रहे है। तो मैं इस सब चीज़ के बारे में सोचती ही नहीं हूँ। हालांकि महिला कलाकार सेंट्रल करैक्टर प्ले कर रहीं है फिर भी मेल डोमिनेट इंडस्ट्री को प्राथमिकता दी जा रही है, आप क्या टिप्पणी करना चाहेंगी इस विषय पर? ऐतिहासिक रूप से यही चला आ रहा है। बदलाव आ रहा है किन्तु एक रात में सब कुछ तो सकता है ना? एक दौर था जब श्रीदेवी,माधुरी दिक्षित ने भी बहुत बढ़िया किरदार निभाए थे। कुछ १२ डल <सुस्त> दौर चला है।अब बदलाव दिख रहा है उन सभी हीरोइन का को अंजाम दिया। अब यह दौर चलेगा।मीना कुमारी जी,रेखा और हेमा मालिनी,जाया बच्चन एवं शबाना आज़मी सभी ने इस दौर के लिए बहुत कुछ कंट्रीब्यूट<योगदान> किया है। #Vidya Balan #about Vidya balan #bollywood actress Vidya Balan हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article