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मूवी रिव्यू: यूथ वर्ग की पसंद पर खरी साबित होगी 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2'

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By Shyam Sharma
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मूवी रिव्यू: यूथ वर्ग की पसंद पर खरी साबित होगी 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2'

रेटिंग***

करण जोहर की फिल्में बेशक किसी भी जॉनर की हों उनमें एक बात कॉमन होती है, वो है भव्यता। पुनीत मल्हौत्रा द्धारा निर्देषित फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’  के स्कूल कॉलेज ही देख लीजीये, वे इतने भव्य हैं कि जिन्हें देखकर उनमें पढ़ने का मन करता है।

कहानी

रोहन यानि टाइगर श्रॉफ एक आम स्कूल का छात्र है लेकिन उसका सपना सेंट टेरेसा जैसे मंहगे और अमीर स्कूल में जाने का है क्योंकि वहां उसके बचपन का प्यार मृदुला उर्फ मियॉ यानि तारा सुतारिया पढ़ती है। बाद में स्पोर्टस के जरिये वो उस स्कूल तक पंहुच जाता है। अब उसका सपना है कि वो मियॉ के साथ डांस चैंपियनशिप जीतने में कामयाब हो सके। स्कूल में एक अमीर लड़का मानव यानि आदित्य सील भी है जो हमेशा र्स्पोटस में अव्वल आता है। उसी स्कूल में उसकी बिगडैल बहन श्रेया यानि अन्नया पांडे भी पढ़ती है जो अपनी आदतों से हमेशा रोहन को तंग करती रहती है। एक दिन रोहन को पता चलता है कि वो उसकी प्रेमिका मियॉ और मानव के द्धारा रचे शडयंत्र का शिकार बन चुका हैं जिसके तहत उसे स्कूल से निकाल दिया जाता है। इसके बाद रोहन अपने पुराने साथियों और पुराने स्कूल की तरफ से कब्बडडी में हर साल चैंपियन बनने वाले मानव को हरा कर अपने स्कूल को पहली दफा चैंपियन बनता है। यही नहीं वो श्रेया की मदद करते हुये उसे भी डांस में जीत हासिल करवाता है।

डायरेक्शन

करण जोहर जैसे प्रोड्यूसर के होने का डायरेक्टर फायदा नहीं उठा पाता तो ये उसकी गलती है। पुनीत मल्हौत्रा सब कुछ होते हुये भी एक एवरेज फिल्म ही बना पाये। फिल्म के किरदारों और उनके लुक काफी गलैमरस और भव्य हैं लेकिन अंडरडॉग वाले इमोशन दर्शाने में वे नाकाम साबित हुये। फिल्म में ‘जो जीता वो सिकंदर’ की तरह अमीर और गरीब स्टूडेंट के बीच का फर्क प्रभाव तरीके से नहीं दिखाई देता। इसी तरह निर्देशक ने चार मुख्य किरदारों के अलावा अन्य किरदारों को एक तरह से नजर अंदाज सा कर दिया। लिहाजा  फिल्म चार किरदारों की ही बन कर रह जाती है। फिल्म के क्लाइ्रमेक्स का पहले से ही अंदाजा हो जाता है। म्यूजिक की बात की जाये तो आज भी फिल्म का गीत ये जवानी, है दीवानी, आज भी टॉप ट्वेंटी के पांचवे पायदान पर जमा हुआ है।

अभिनय

टाइगर अब एक ऐसा स्टार बन चुका है जो पूरी फिल्म अपने कंधों पर उठाकर चल सकता है। यहां वो एक स्पोर्टसमैन और एक प्रेमी के रूप में खूब जमता है। सदा की तरह उसके डांस एक्टिंग और एक्शन सीन्स शानदार बने हैं। करण ने इस बार एक नहीं बल्कि दो नई तारिकाओं को बड़ा परदा दिखाया है। इनमें एक है तारा सुतारिया तथा दूसरी चंकी पांडे की बेटी अनन्या पांडे है। पता नहीं क्यों तारा के कुछ क्लोजप्स बेहद घटिया लगे, दूसरे उसकी भूमिका भी थोड़ी कमजोर नजर आती है जबकि अनन्या पहले एक बिगडैल अमीरजादी और फिर प्रेमिका दोनों शेड्स बढ़िया ढंग से निभा ले जाती है। नगेटिव रोल में आदित्य सील खूब जमे हैं। समीर सोनी और गुल पनाग साधारण रहे। अंत में टाइगर और आलिया भट्ट का गीत आकर्षित करता है।

क्यों देखें

यूथ ऑडियेंस को फिल्म खूब पंसद आने वाली है क्योंकि ये उन्हें ही टारगेट कर बनाई गई है।

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