फिल्म रिव्यू: डार्लिंग्स- फिल्म देखिए, लेकिन जिगर संभाल कर! By Prerna Singh 05 Aug 2022 | एडिट 05 Aug 2022 08:24 IST in रिव्यूज New Update Follow Us शेयर एक प्रेम कहानी थी. जिसमें एक लड़की थी. उस लड़की के कुछ प्लैन थे. इस साल में शादी. उस साल में बच्चे. उसके अगले दो साल में गाड़ी. लेकिन इस प्लैन में एक चीज़ जो उसने नहीं सोची थी, वो हो गई. जिससे टूट कर प्यार किया. वही हड्डियां तोड़ने पर उतर आया. ये कहते हुए, ‘प्यार नहीं करता तो मारता क्या? तू प्यार नहीं करती तो सहती क्या?’ बच्चों को मारने पीटने वाले पिता कहते हैं- प्यार करते हैं तुमसे. इसीलिए मार रहे हैं. बच्चा समझता है, यही प्यार है. बच्चा बड़ा होता है. वो बालिग़ बच्चा प्रेम में पड़ता है. उसे प्रेम जताने के तरीके समझ नहीं आते. उसे बचपन याद आता है. कुटाई करते मां-बाप याद आते हैं. वो भी सोचता है, जहां प्रेम हो, वहां एकाध थप्पड़ तो लगाए ही जा सकते हैं. बच्चा अपना प्रेम ऐसे ही जताता है. सहने वाला भी कुछ ऐसा ही याद करके सहता जाता है. फिर एक दिन बांध टूटता है. मारते मारते या तो मार खाने वाला मर जाता है, या फिर मारने वाले की आत्मा चीखकर उसका साथ छोड़ देती है रमाशंकर विद्रोही अपनी कविता में लिखते हैं, कितना ख़राब लगता है एक औरत को अपने रोते हुए पति को छोड़कर मरना जबकि मर्दों को रोती हुई स्त्री को मारना भी बुरा नहीं लगता औरतें रोती जाती हैं, मरद मारते जाते हैं औरतें रोती हैं, मरद और मारते हैं औरतें ख़ूब ज़ोर से रोती हैं मरद इतनी जोर से मारते हैं कि वे मर जाती हैं. आलिया भट्ट, शेफाली शाह, विजय वर्मा की फिल्म ‘डार्लिंग्स’ नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है. कहानी वहीं से शुरू होती है जहां से आपने ये आर्टिकल पढ़ना शुरू किया था. हमज़ा (विजय वर्मा) अपनी पत्नी बदरुन्निसा (आलिया भट्ट) से बहुत प्यार करने की बातें करता है. लेकिन शराब के नशे में उसे बहुत पीटता है. सुबह माफ़ी मांगता है, और रात को वापस यही सिलसिला शुरू हो जाता है. शम्सुन्निसा (शेफाली शाह) अपनी बेटी बदरू का ये हाल देखती है, कुढती है, लेकिन कुछ कर नहीं पाती. पुलिस के पास शिकायत करने के बाद भी हमजा किसी तरह बदरू को समझा-बुझा लेता है. बच्चे का लालच देकर उसकी नज़र में सीधा बन जाता है. पुलिस के चंगुल से निकल जाता है. फिल्म में एक सीन आता है जहां शेफाली शाह पुलिस वाले के तलाक लेने की सलाह पर कहती हैं, ‘ट्विटर वालों के लिए दुनिया बदल गई है साहब, हमारे लिए नहीं’. और इस एक वाक्य में सच्चाई का पत्थर इतनी जोर से पड़ता है फिल्म देखने वाले के मुंह पर मानो पत्थर स्क्रीन तोड़कर सीधे निकला हो. ‘अम्मी वो बदल गए हैं’ इस एक लाइन में न जाने कितनी शादी-शुदा महिलाओं का दर्द छुपा हुआ है. जो एक इंसान के बदलने के इंतज़ार में अपनी पूरी ज़िन्दगी निकाल देती हैं. कई बार वो ज़िन्दगी पूरी हो भी नहीं पाती. जिस समय ये रिव्यू लिखा जा रहा है, उस समय सोशल मीडिया पर एक खबर लगातार फ्लैश हो रही है. अमेरिका में रहने वाली मनदीप कौर ने अपनी जान दे दी. क्योंकि उसका पति उसे लगातार मारता-पीटता था. कभी कभी इतनी जोर से कि उसकी सांस रुकने को हो आती थी. उसी घर में उनकी दो बेटियां- चार और छह साल की, अपनी मां के साथ हो रहे इस व्यवहार को देख कर चीखती चिल्लाती रहती थीं, लेकिन कोई मदद करने को नहीं आता था. न उनका बाप बदलता था, न उनकी मां. जो इस उम्मीद में गम खाए जा रही थी कि शायद बच्चियों का मुंह देखकर बाप सुधर जाए. आठ साल तक मनदीप कौर ने तंग आकर अपनी जान दे दी. मनदीप कौर जैसी न जाने कितनी औरतें हैं इस दुनिया में जिनकी खबर तक नहीं आती अखबार में. ‘डार्लिंग्स’ में बदरू ऐसी खबर बनने से इंकार कर देती है. फिल्म ब्लैक कॉमेडी है. डोमेस्टिक वायलेंस जैसे गंभीर मुद्दे को उठाया है, लेकिन डार्क ह्यूमर के सहारे. फिल्म में मूड हल्का करने वाले जोक्स हैं. सिचुएशनल कॉमेडी है. लेकिन हर पल कहीं न कहीं कोने में मौजूद एक भूत है. जो दांत चियारे बैठा है. जिसको पता है कि चाहे कितने जोक्स घुसा लिए जाएं इस फिल्म में, उसकी मौजूदगी को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. बदरू बदला लेने की ठानती है. आपने देखा होगा कुछ सीन्स में. इसकी झलक मिलती है. लेकिन इस बदले की कहानी में आगे क्या होता है, वो देखने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी. जसमीत केरीन ने डायरेक्शन अच्छे से संभाला हैं. एक लोअर मिडल क्लास फैमिली की ये कहानी बेहद बारीकी से फिल्माई गई है. आलिया भट्ट काफी नैचरल लगी हैं. शेफाली शाह किसी भी किरदार में जिस हद तक डूब जाती हैं, उसकी तारीफ़ करना बेमानी है. वो स्क्रीन पर आप ही लोगों को दिखाई दे जाता है. विजय वर्मा के किरदार से आपको नफरत होगी, और यही उनके किरदार का हासिल है. फिल्म की सपोर्टिंग कास्ट भी बेहतरीन है. जुल्फी के किरदार में रोशन मैथ्यू भी बेहद जमे हैं. नेटफ्लिक्स पर ये फिल्म देखना कुछ लोगों के लिए ट्रिगरिंग हो सकता है. डोमेस्टिक वायलेंस के कुछ सीन्स इसमें बहुत ज्यादा डिस्टर्बिंग हैं. तो ऑडियंस इस बात का ध्यान जरूर रखें. #alia bhatt #Netflix #vijay verma #shefali shah #film review darlings हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article