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3 अगस्त से दिल्ली बनेगा ‘उमराव जान अदा’ की कहानी का गवाह

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By Mayapuri Desk
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3 अगस्त से दिल्ली बनेगा ‘उमराव जान अदा’ की कहानी का गवाह

जब कभी भी हम ‘उमराव जान’ की चर्चा करते हैं, तो सबसे पहले दिमाग में रेखा का आकर्षण और ऐश्वर्या की अदाएं ही आती हैं, लेकिन यह दो शताब्दी पहले की बात है जब उपन्यासकार मिर्जा हादी रुसवा ने अपना क्लासिक उपन्यास ‘उमराव जान अदा’ लिखा था। अब उसी क्लासिक उपन्यास ‘उमराव जान अदा’ के बहाने उमराव जान के जीवन को जीवंत गीत-संगीत के जरिये मंच पर लाने जा रहा है ग्रेविटी ज़ीरो एंटरटेनमेंट। संगीतमय ‘उमराव जान अदा’ का निर्देशन राजीव गोस्वामी कर रहे हैं, जिन्होंने बॉलीवुड के सबसे लंबे समय तक चलने वाले संगीत थियेटर में से एक ‘बियांड बॉलीवुड’ का कामयाब निर्देशन किया है। लाइव संगीत की रचना लोकप्रिय बॉलीवुड संगीतकार जोड़ी सलीम-सुलेमान ने की है, जबकि गीत इरफान सिद्दीकी ने लिखे हैं।

संगीतमय ‘उमराव जान अदा’ की कहानी को लेखक वरुण गौतम ने रिक्रिएट किया है, जबकि पूजा पंत ने इसकी कोरियोग्राफी की है। संगीतमय ‘उमराव जान अदा’ का प्रदर्शन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जेएलएन ऑडिटोरियम में 3 से 11 अगस्त तक किया जाएगा। इस शानदार संगीतमय प्रस्तुति के लिए ग्रेविटी जीरो एंटरटेनमेंट ने इनसाइडर और paytm के साथ सहयोग किया है। इस सपने को साकार करने का के लिए टिकट बुकिंग सिर्फ एक क्लिक आपसे दूर है। इस म्यूजिकल शो को बनाने के अनुभवों को साझा करते हुए शो के निर्देशक राजीव गोस्वामी कहते हैं, ‘एक निर्देशक के रूप में मैं अपने अनुभवों के बारे में कहने के लिए मेरे पास कुछ खास नहीं है। बस यही कहना चाहूंगा कि 19वीं शताब्दी की कहानी को आज के दौर में वापस लाना आसान नहीं था, क्योंकि आज के दर्शकों के पास उनकी उंगलियों की नोक पर ही दुनिया विराजमान है। लेकिन, ऐसे दर्शकों के लिए हमने मूल पुस्तक को आज के हिसाब से अनुकूलित किया। इसलिए इसमें तोड़-मरोड़ न करते हुए केवल अभिनय, बल्कि लाइव सिंगिंग और लाइव म्यूजिक को मैनेज करने वाले दृश्यों को जोड़ दिया। मुझे हर कदम पर मिली चुनौती से वाकई प्यार हो गया।’

वहीं, संगीतकार सलीम मर्चेंट कहते हैं, ‘यह महाकाव्यात्मक संगीत को फिर से बनाना हमारे लिए भी एक सपना जैसा है। 19वीं शताब्दी की शुरुआत में अपने दर्शकों को ले जाने के लिए हमने बहुत प्रयास किए हैं। ग़ज़ल और ठुमरी की आवाज़ को मंच पर जीवंत करना वाकई बहुत बड़ी खुशी की बात है।’ जबकि, सुलेमान मर्चेंट कहते हैं, ‘यह भारत में पहली बार है कि लाइव संगीत और गायन के साथ एक संगीत थिएटर प्रदर्शन हो रहा है, जो भारतीय थिएटर प्रोडक्ट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाएगा।’ इनसाइडर.इन के संस्थापक और सीईओ श्रेयस श्रीनिवासन कहते हैं, ‘हम मंच पर इस पौराणिक कहानी की वापसी को लेकर बेहद उत्साहित हैं, विशेष रूप से राजीव और सलीम-सुलेमान के नेतृत्व वाली इसकी पावरहाउस रचनात्मक टीम की अतुलनीय दृष्टि के साथ। भारत में संगीत की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। इस काम में हम पेटीएम एवं इनसाइडर के भागीदार हैं और इस संगीतमय शो को भारत के शीर्ष शहरों में ले जाना चाहते हैं।’ तो आइए और एक ऐसी कृति/महाकाव्य गाथा, जिसे हमने पहले कभी अनुभव नहीं किया है, का पहली बार मंच पर जीवंत अवलोकन करें।

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