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जया बच्चन को गुस्सा क्यों आता है? 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' के प्रीमियर पर वह फिर हुई गुस्सा

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By Sharad Rai
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जया बच्चन को गुस्सा क्यों आता है? 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' के प्रीमियर पर वह फिर हुई गुस्सा

''किस बात पर खफा हो तुम किस बात का है गम...?'' किसी शायर की लिखी यह युक्ति शायद जया बच्चन पर सटीक बैठती है. किसी को नही पता कि क्यों, लेकिन हर किसी को यह पता है कि वह कब गुस्सा हो जाएंगी पता नहीं. अमिताभ बच्चन पर्दे के यंगरी यंगमैन थे लेकिन जया बच्चन का गुस्सा रियल लाइफ में जहां तहां फूट पड़ता है. बेशक इसके पीछे वजह सही होती है , उनका गुस्सा भी जायज होता है, लेकिन उम्र और मेच्योरिटी का फासला आगे बढ़ने के बाद कोई गुस्सा करे तो -  आलोचना का शिकार होता ही है. सोशल मीडिया के जमाने मे इसे ट्रोल होना कहते हैं.जैसे इनदिनों वह  फिल्म "रॉकी और रानी की प्रेम कहानी" के प्रीमियर पर गुस्सा होने के लिए ट्रोल हो रही हैं.

सबसे पहले बता दें कि 'रॉकी और रानी...' के प्रीमियर पर हुआ क्या ! किसी भी फंक्शन, मुहूर्त, प्रीमियर पर जब सितारे (या वीआई पी) पहुचते हैं तो वहां पहले से मीडिया की गेदरिंग होती है. फोटोग्राफर्स अपनी पोजीशन कैमरे के साथ बना कर रखते हैं और जब सितारे आते हैं तो वो उनका क्लोजअप- पिक्स/वीडियो पाने की कोशिश करते हैं. 'रॉकी और रानी...' के प्रीमियर पर भी यही हुआ. आधी इंडस्ट्री के सितारे वहां पहुचे थे. फोटोग्राफर उनको क्लिक करने के लिए कैमरे में देखने के लिए अनुरोध करते थे.  जया बच्चन के आने पर भी यही हुआ- 'जया जी.. जया जी.. जया जी !' की आवाजें आने लगी. वह इन्ही आवाजों पर भड़क गई-  "मैं बहरी नही हूं." वह गुस्से में  मुड़कर बोली और आगे बढ़ गयी. जया बच्चन के पीछे करीब करीब तेजी से चलती हुई सी उनकी बेटी स्वेता बच्चन और उनके पीछे अभिषेक बच्चन जाते दिखे. फोटोग्राफरों ने 'अभिषेक भाई...अभिषेक भाई' की आवाज लगाया पर वह भी नहीं रुके. अब इस बात को तिल का ताड़ बनाकर जया बच्चन सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रही हैं.

एक इवेंट में जहां जया और ऐश्वर्या दोनो सास बहू उपथित थी, फोटोग्राफर्स 'ऐश्वर्या...ऐश्वर्या !!' आवाज दे रहे थे, जया से नहीं सुना गया  वह भड़क कर बोली- 'तुम्हारी दोस्त हैं क्या वह... ऐसा बोल रहे हो ?' इसी प्रकार एक फोटो ग्राफर को बोली थी-'कहां काम करते हो तुम?...गिरोगे.'  मुम्बई में एक सार्वजनिक मंच पर वह मराठी भाषा पर कमेंट कर दी थी-नहीं आती मुझे !, इसपर बड़ा बवाल मचा था और अमिताभ बच्चन को सामने आकर  माफी मांगना पड़ा था. एक बार भदोही  (उ. प्र.) में जहां के एक गांव यादव बस्ती - 'कोम' को वह विकास करने के लिए गोंद ली हैं, समाजवादी पार्टी की तारीफ करती कुछ ऐसा बोल गयी कि वहां के भाजपा-कांग्रेसी उनके विरोध में आवाज उठाने लगे. अखबारों में उनकी खूब आलोचना छपी. यानी- जया बच्चन ऐसी स्थितियां पैदा करती रहती हैं.

सवाल वही है कि जया बच्चन को क्यों गुस्सा आता है? उनके नजदीकी जानते हैं कि अभिनय हो या जीवन से जुड़ी बातें वह परफेक्शनिस्ट हैं. उनको गलती सहन नहीं होती. उनको 'फ्रस्ट्रेटेड' लिखकर ट्रोल करने वालों को समझना चाहिए कि उनको किस बात की कमी है जो फ्रस्ट्रेशन में रहेंगी? सबकुछ तो है उनके3 पास ! हां, ज्यादती पर चुप नही रह पाती शायद यही कमी है उनमें. बिना उन्हें समझे कोई भी ट्रोल कर रहा है- 'किस बात पर खफा हो तुम किस बात का है गम' की तर्ज में.

किसी ने इंस्टा पर लिखा है उनको  पर्दे पर विलेन या खूंखार लेडी का रोल करने की जरूरत क्या है, वो तो रियल में वैसी हैं. किसी ने लिखा है इनके साथ ऐश्वर्या रह कैसे पाती है? आदि आदि... और भी बहुत सी प्रतिक्रियाएं आरही हैं.' रॉकी और रानी..' में जया रणवीर सिंह की शख्त मां की भूमिका में हैं. इस एक गुस्से ने उनके इस फिल्म में बेहरीन अभिनय पर पानी फेर दिया है. हीरो (रणवीर सिंह) हीरोइन (आलिया भट्ट) के अलावा फिल्म में शबाना आजमी, धर्मेंद्र और दूसरे सभी कलाकारों के काम की तारीफ हो रही है लेकिन जया बच्चन फिल्म की  रिव्यू से बाहर हैं.

जया बच्चन राजनीति और फिल्म दोनो क्षेत्रों में जुड़ी हैं.राज्य सभा मेम्बर(सांसद) के रूप में जब वह सदन में बोलती हैं तो उनका विपक्ष की भूमिका में आक्रामक रवैया ही रहता है. वह सच बोलने से पीछे नहीं रहती और ऐसा ही उनका रूप  फिल्मी और सोशल एक्टिविटी के मौकों पर भी दिखाई पड़ता है. वह कई बार इतना आक्रामक बोलती हैं कि अमिताभ बच्चन को बचाव के लिए सामने आना पड़ता है. 'रॉकी और रानी..' के इवेंट में उनका गुस्सा अतिरेक नहीं है. प्रेस फोटोग्राफर इतनी छूट लेने की कोशिश करते हैं, इतना इरिटेट कर देते हैं सितारों को की कि वे खिसकना ही बेहतर समझते हैं.  

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