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प्रियंका चोपड़ा के समर्थन में UNICEF, कहा- व्यक्तिगत रुचि पर बोलने का अधिकार

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By Sangya Singh
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प्रियंका चोपड़ा के समर्थन में UNICEF, कहा- व्यक्तिगत रुचि पर बोलने का अधिकार

बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा इन दिनों भारत-पाकिस्तान में सुर्खियों में छाई हुई हैं। पाकिस्तान ने UNICEF से प्रियंका चोपड़ा को यूएन की गुडविल एंबेसडर फॉर पीस के पद से हटाने की मांग की है। इसके बाद कंगना रनौत, जावेद अख्तर और आयुष्मान खुराना ने प्रियंका चोपड़ा का सपोर्ट किया है। अब UNICEF के प्रवक्ता ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया है।

UNICEF के प्रवक्ता Stephane Dujarric ने कहा- ''जब यूनिसेफ के गुडविल एंबेसडर्स अपनी व्यक्तिगत क्षमता में बोलते हैं, तो वे उन मुद्दों के बारे में बोलने का अधिकार रखते हैं जो उनकी रुचि और चिंता से जुड़े होते हैं। उनके निजी विचार और एक्शन यूनिसेफ को प्रभावित नहीं करते हैं। जब वे यूनिसेफ की तरफ से बोलते हैं तब हम उनसे उम्मीद करते हैं कि वे यूनिसेफ की निष्पक्ष नीति पर अडिग रहे।''

उन्होंने यूनिसेफ के गुडविल एंबेसडर्स के रोल के बारे में बताते हुए कहा- ''यूनिसेफ के गुडविल एंबेसडर वे अहम लोग हैं जो अपना समय और अपनी पब्लिक प्रोफाइल का बच्चों के अधिकारों को प्रमोट करने के लिए वॉलंटियर करते हैं।'' ये सारा विवाद हाल ही में तब शुरू हुआ जब एक इवेंट में पाकिस्तान की एक महिला ने प्रियंका चोपड़ा पर बालाकोट में भारत की एयरस्ट्राइक पर रिएक्ट करने की वजह से सवाल उठाए।

इसके बाद पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्री डॉक्टर शिरीन एम मजारी ने यूनिसेफ के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर को खत भी लिखा। खत में यूएन की गुडविल एंबेसडर फॉर पीस के पद के लिहाज से प्रियंका के स्टैंड की आलोचना की गई। दरअसल, बालाकोट एयरस्ट्राइक पर प्रियंका ने ट्वीट कर जय हिंद लिखते हुए तिरंगे का इमोजी बनाया था। एक्ट्रेस के इसी ट्वीट से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।

शिरीन एम मजारी ने यूनिसेफ को भेजे खत में लिखा- ''प्रियंका ने सार्वजनिक तौर पर भारत सरकार की मौजूदा स्थिति को एंडोर्स किया है। इतना ही नहीं एक्ट्रेस ने भारत के रक्षा मंत्री द्वारा पाकिस्तान को दी गई न्यूक्लियर की धमकी का सपोर्ट किया है। ये सभी शांति और सद्भाव के सिद्धांतों के खिलाफ है।

कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन करने को लेकर मोदी सरकार को प्रियंका समर्थन दे रही हैं। ये सब प्रियंका को यूएन में दिए गए पद पर उनकी विश्वसनीयता को कम करता है। अगर प्रियंका को जल्द से जल्द पद से नहीं हटाया गया तो ये वैश्विक स्तर पर यूएन गुडविल एंबेसडर को ही हास्यास्पद बना देगा।'

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