Advertisment

Pathan में Deepika Padukone पर फिल्माये गाने 'Besharam Rang' से आहत होकर हुआ "Dharm Censor Board" का गठन"

author-image
By Sharad Rai
New Update
Pathan में Deepika Padukone पर फिल्माये गाने 'Besharam Rang' से आहत होकर हुआ "Dharm Censor Board" का गठन"

शंकराचार्य अविमुक्तेस्वरानंद सरस्वती के नेतृत्व में फिल्मों के लिए एक अलग सेंसर बोर्ड का गठन किया गया है जो देवी- देवताओं और सनातन धर्म परंपरा के फिल्मांकन को फिल्म रिलीज से पहले देखकर तय करेगी कि उसे दिखाने लायक है कि नही.  प्रयागराज माघ मेले में इस बात की घोषणा स्वयम शंकराचार्य मुक्तेस्वरानंद ने किया जो स्वयम 'धर्म सेंसर बोर्ड' के चेयरमैन व संचालक रहेंगे.

धर्म सेंसर बोर्ड का गठन इसलिए किया गया है कि आजकल पर्दे पर धर्म और देवी देवताओं को अपमानित करने वाले कंटेंट दिखाए जाने का प्रचलन चल पड़ा है. पिछले दिनों फिल्म 'पठान' में दीपिका पादुकोण पर फिल्माए गए गाने 'बेशरम रंग' ने तो देश मे भूचाल से ला दिया. भगवे रंग को ही अपमानित कर दिया जो हिन्दू सनातन धर्म का प्रतीक है. प्रयागराज में  घोषित 'धर्म सेंसर बोर्ड' के एक सदस्य ने वहां के एक पत्रकार तनवीर ज़ैदी को बताया. धर्म सेंसर बोर्ड ना सिर्फ फिल्म बल्कि टेलीविजन शो, धारावाहिक, वेब सीरीज, एलबम और डॉक्युमेंट्री को भी देखेगी. यह बोर्ड CBFC (फिल्म सेंसर बोर्ड) और भारत सरकार को एक तरह से मदत करेगा. सभी विजुअल्स जो पर्दे के लिए बनाए जाएंगे उनको देखेगा. शंकराचार्य ने बताया कि सभी फिल्म प्रोडक्शन कम्पनियों को यह जानकारी भेजी जाएगी. देवी देवताओं और सनातन धर्म को लेकर जो कोई कुछ भी विजुअल्स या ऑडियो में देने जा रहा है उसे इस बोर्ड को दिखाना होगा.उनको सस्ती पब्लिसिटी लेने की इजाजत नही दी जाएगी. अगर कोई ऐसा कुछ बनाता है जो हमारे फेथ- विस्वास को तोड़ने वाला है तो सभी हिन्दू सोसायटियों से अपील किया जाएगा कि वे उसे ना देखें. विरोध करने का तरीका अलग अलग माध्यमों द्वारा कई प्रकार से होगा.

घोषित धर्म सेंसर बोर्ड के सदस्यों के नाम हैं- सुरेश मनचंदा (मीडिया), पी एन मिश्रा ( सुप्रीम कोर्ट एडवोकेड), स्वामी चक्रपाणी महाराज (संत सनातन धर्म सपोर्टर), मानसी पांडे (अभिनेत्री), तरुण राठी(वाइस प्रसिडेंट यूपी फिल्म डेवलपमेन्ट कौंसिल), कैप्टेन अरविंद सिंह भदुरिया(सोशल इशू),  प्रीति शुक्ला( संस्कृति कल्चर), गार्गी पंडित (सनातन धर्म एक्सपर्ट) और धरमवीर (इतिहास, ओरकोलॉजी और पूर्व ASI निदेशक). देखने वाली बात होगी कि यह संस्था "धर्म सेंसर बोर्ड" कितनी कारगर हो पाती है!

Advertisment
Latest Stories