सुभाष घई: आने वाले भारत में, संस्कृत संचार का एक उत्कृष्ट साधन साबित होगी By Mayapuri Desk 12 Aug 2023 | एडिट 12 Aug 2023 13:08 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर सुभाष घई ने फिल्म 'कर्मा' के अपने प्रतिष्ठित गीत 'हर करम अपना करेंगे' का संस्कृत संस्करण लॉन्च किया. 'हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए' जैसे सदाबहार गीतों के साथ, यह गाना फिल्म की रिलीज के 37 साल बाद भी हर साल राष्ट्रीय त्योहारों के दौरान बड़े पैमाने पर बजाया जाता है और आज भी भारतीयों के दिलों में बसा हुआ है. इस साल स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले, घई ने नागरिकों को एक अनमोल उपहार पेश करते हुए इस गीत का एक संस्कृत संस्करण जारी किया. बुधवार शाम मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सुभाष घई ने कहा कि संस्कृत भाषा हजारों सालों से हमारे बीच है. निर्माता-निर्देशक सुभाष घई कहते हैं, "बुद्धिमत्ता भाषा से नहीं आती, बुद्धि और बुद्धि से आती है. मेरा मानना है कि अब समय आ गया है जब हमें अपनी संस्कृति, अपनी भाषा को समझना चाहिए. इसे प्राथमिकता देनी चाहिए. और, हमें ऐसा करना चाहिए." अपने बच्चों को बताएं कि अंग्रेजी में पारंगत होना जरूरी नहीं कि कोई बहुत बुद्धिमान हो. आज जिस तरह से हमारी सरकार इस भाषा को बढ़ावा देने की बात कर रही है, उससे 40 साल बाद हर बच्चा संस्कृत में बात करेगा. जिस तरह आज का युवा अंग्रेजी भाषा को अपना मानता है. अपना, वह दिन दूर नहीं जब अंग्रेजी आम भाषा बन जायेगी.” सुभाष घई ने आगे कहा, "जब हम अपनी मातृभाषा हिंदी, मराठी, बंगाली में बात करते हैं और किसी को अंग्रेजी में बोलते हुए देखते हैं तो हमारा ध्यान तुरंत उनकी ओर जाता है क्योंकि वे अंग्रेजी में बात कर रहे हैं. 40 साल बाद एक आम मजदूर भी अंग्रेजी में बातचीत करेगा." अंग्रेजी. तब यह आम भाषा बन जाएगी और जो कोई भी संस्कृत में बोलेगा, हर कोई उसे अत्यधिक बुद्धिमान समझेगा." सुभाष घई ने पुष्टि की, "जन्म से लेकर मृत्यु तक, सभी क्रियाएं और अनुष्ठान संस्कृत मंत्रों का उपयोग करके किए जाते हैं. हालांकि, हम मंत्रों का अर्थ नहीं समझते हैं; हम बस उन्हें पढ़ने के लिए पंडित पर छोड़ देते हैं. आपके मंत्रों के माध्यम से, हम प्रार्थना करेंगे भगवान को. हम प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करते हैं; इसे महामंत्र कहा जाता है, लेकिन इसका अर्थ कोई नहीं जानता. यह विचार मुझे बचपन से परेशान करता रहा है, वास्तव में यह क्या है? दुनिया मानती है कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है. कई देशों में संस्कृत के लिए स्कूल हैं. हालांकि, हमारे देश में इस भाषा को बहुत पीछे धकेल दिया गया है. यही कारण है कि मुझे लगा कि 'ऐ वतन तेरे लिए' को संस्कृत संस्करण में जारी किया जाना चाहिए ताकि आज के युवाओं को संस्कृत सीखने के लिए प्रेरित किया जा सके." इस गाने को कविता कृष्णमूर्ति ने गाया है और इसे मुंबई में जैकी श्रॉफ की मौजूदगी में मिस्टर मुंगंतीवार ने रिलीज़ किया. #Subhash Ghai हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article