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Shark Tank India 2: Namita Thapar ने अपने 2 असफल IVF पर की खुलकर बात

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By Asna Zaidi
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Namita Thapar

Namita Thapar On Her IVF Journey: 'शार्क टैंक इंडिया' (Shark Tank India) का पहला सीजन काफी पॉपुलर हुआ था. उसके बाद हाल ही में इस कार्यक्रम का दूसरा सीजन (Shark Tank India Season 2)  दर्शकों के सामने आया है. इस कार्यक्रम के पहले एपिसोड की तरह ही दूसरा एपिसोड भी काफी लोकप्रिय है. शार्क्स की कुर्सी पर इस सीजन पीयूष बंसल, विनीता सिंह, नमिता थापर, अनुपम मित्तल और अमन गुप्ता बैठे हैं. इस कार्यक्रम में नवोदित उद्यमी अपने व्यापारिक विचारों को जज शार्क के सामने प्रस्तुत करते हैं और यदि शार्क को उनके बिजनेस में रुचि है, तो वे अपने बिजनेस में पैसा लगाते हैं. हाल ही के एक एपिसोड में, एक नया बिजनेसमैन 'शार्क टैंक इंडिया 2' के मंच पर गर्भाधान के लिए उपयोग किए जाने वाले आईवीएफ प्रणाली से संबंधित उत्पाद लेकर आया. उन्होंने जो प्रस्तुति दी, उसने नमिता को उनके कठिन समय की याद दिला दी. उन्होंने यह भी कहा कि आईवीएफ पद्धति की मदद से उन्होंने एक बच्चे को गर्भ धारण करने की कोशिश की थी.

नमिता थापर ने कहीं ये बात

नमिता थापर ने कहा, "मैंने 28 साल की उम्र में स्वाभाविक रूप से अपने पहले बच्चे को जन्म दिया. हम एक और बच्चा चाहते थे. उसके बाद हमने तीन-चार साल तक बच्चा पैदा करने की कोशिश की लेकिन हम नाकाम रहे. हमने आईवीएफ विधि की कोशिश की क्योंकि हम स्वाभाविक रूप से गर्भधारण नहीं कर पा रहे थे. मुझे प्रत्येक उपचार के बीच 25 इंजेक्शन लेने पड़े. वह दौर मेरे लिए शारीरिक और मानसिक रूप से कठिन और पीड़ादायक था. फिर भी हमारे दो प्रयास विफल रहे और मैं पीछे हट गया. हमने फैसला किया कि हम एक बच्चे के साथ खुश रहेंगे. लेकिन कुछ महीनों के बाद मैं स्वाभाविक रूप से फिर से गर्भवती हुई और मैंने अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया. उसके बाद लगभग दस सालों तक मैंने इस पर कभी कोई टिप्पणी नहीं की. मुझे लगा कि तब इसके बारे में बात करना थोड़ा कम था. लेकिन कुछ महीने पहले मैंने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो के लिए इस बारे में खुलकर बात की थी”.

नमिता थापर की सोशल मीडिया पर हो रही हैं तारीफ

उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, "मुझे लगा कि इस बारे में बात करना वास्तव में महत्वपूर्ण था क्योंकि हर किसी को यह जानने की जरूरत है कि यह अनुभव कितना मनोवैज्ञानिक रूप से दर्दनाक है. साथ ही महिलाओं या पुरुषों को यह महसूस नहीं होना चाहिए कि उनमें कुछ कमी है. इस बारे में बात करना मेंटल हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है". अब सोशल मीडिया पर उनके इस बेबाक कमेंट की हर कोई तारीफ कर रहा है.

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