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शायद ‘दृश्यम 2’ बाॅलीवुड के अच्छे दिन ले आए. शायद Ajay Devgan ,Tabu, का जादू चल जाए. शायद साउथ फिल्मों और साउथ के धाकड़ एक्टर्स का मैजिक टूट जाए?

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By Sulena Majumdar Arora
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Maybe 'Drishyam 2' will bring good days of Bollywood. Maybe Ajay Devgan, Tabu's magic will work. Maybe the magic of South films and South's strong actors will break, maybe some sim-sim will open, maybe

‘दृश्यम 2’ का जिस बेसब्री से दर्शक सात सालों से इंतजार कर रहे थे, वो बस खत्म हुआ.  जो राज जमीं के सात परतों में दबा दिया गया था वो अब ‘दृश्यम 2’ के साथ फाश होने वाला है.  आप चाहे कितना भी गहरा खोद कर गुनाह या राज छुपाओ, मिट्टी सब उगल देती है.  अजय देवगन की 2015 की फिल्म ‘दृश्यम’ में जो रूह थर्राने वाली कहानी है वो जंहा खत्म हुई थी, अब वहीं से शुरू हो रही है ‘दृश्यम 2’.  वो राज जिसे विजय सलगांवकर (अजय देवगन) सात साल पहले छुपा चुका था अब फिर से खंगाला जा रहा है और दर्शक बेचैन है जानने के लिए कि कहाँ, कौन सी गलती हो गई भला? इस अद्भुत कहानी का एसेंस ही यह है कि फिल्म के दो मुख्य पात्र विजय सलगांवकर और मीरा देशमुख दोनों एक दूसरे के दुश्मन हैं लेकिन फिर भी दर्शक दोनों में से किसी को भी नेगेटिव चरित्र नहीं कह सकता क्योंकि दोनों की अपनी अपनी इमोशनल मजबूरियाँ है.  हालांकि पहले वाली फिल्म ‘दृश्यम’ अपनी अद्भुत, अकल्पनीय थ्रिलिंग कहानी, फिल्मांकन, प्रस्तुतिकरण और अभिनय के कारण सुपर डुपर ब्लॉकबस्टर हिट हुई थी, लेकिन यह भी हकीकत है कि उस समय कोविड जैसी कोई बात नहीं थी, ओटीटी का स्वाद और लत दर्शकों को लगी नहीं थी, साउथ की पैन इंडिया फिल्म बस अपनी शुरूआती दौर में थी, बंद कमरों में, ढेर सारे सोशल साइट्स पर मनपसन्द देसी, विदेशी फिल्मों का नशा युवाओं के सर चढ़कर बोला नहीं था, उस समय की तुलना आज से नहीं की जा सकती.  आज के समय में दर्शकों के हाथों में एक नहीं पचासों ऑप्शंस है, साउथ के धुरंधर एक्टर्स की फिल्मों से लेकर कोरियन, जापानी, चाइनीज, अँग्रेजी फिल्मों का पिटारा फैला पड़ा है.  ऐसे में ‘दृश्यम 2’ दर्शकों को थिएटर तक खींचने में कितना सक्षम हो सकता है, यह बस अब पता चल जाएगा.  यह बिल्कुल सच और साफ है कि आज का समय बॉलीवुड पर भारी है.  भले ही कोविड का प्रकोप अब नहीं है लेकिन दर्शकों को पहले की तरह थिएटर तक खींच कर लाना अब इतना आसान नहीं रह गया है.  चाहे अमिताभ बच्चन की फिल्म हो या अक्षय कुमार की, सलमान की फिल्म हो या आमिर खान की, चाहे शाहरुख खान की फिल्म हो या फिर रणवीर सिंह की, 2022 में इन सब दिग्गजों की, दिग्गज से दिग्गज फिल्में औंधे मुँह धराशाई  हो जाने से, बॉलीवुड सकते में और सदमे में है.  अब हर निर्माता, फिल्म मेकर और एक्टर अलर्ट मोड पर आ गए हैं.  बड़ी और महंगी फिल्में बनाने से अब सभी घबरा रहे हैं लेकिन फिर भी सब चाहते हैं कि बड़ी फिल्में फिर से थिएटर में धूमधाम से चले, पर प्रश्न ये है कि बिल्ली के गले में घंटी कौन बाँधे.  जब अनीस बज्मी ने फिल्म ‘भूलभुलैया 2’ शुरू किया था तो पूरी बॉलीवुड की नजर उस फिल्म पर थी.  सोच यह होती थी कि अगर ये फिल्म चल जाए तो सिमसिम खुल जाए, थिएटर पर लगी पनौती खत्म हो जाए एंड हैप्पी डेज वापस आ जाए.  ‘भूलभुलैया 2’ खूब चली, भर भर के चली, लेकिन उसके बाद फिर वही ढाक के तीन पात.  थिएटर फिर खाली रह गए.  अब अजय देवगन की फिल्म ‘दृश्यम 2’ से फिर उम्मीदें बढ़ने लगी है.  शायद ये फिल्म बॉलीवुड के अच्छे दिन ले आए.  शायद अजय देवगन, तब्बू, का जादू चल जाए.  शायद साउथ फिल्मों और साउथ के धाकड़ एक्टर्स का तिलस्म टूट जाये, शायद - - - शायद - - - शायद?

‘दृश्यम 2’ में एक बार फिर विजय सलगांवकर अपने परिवार की रक्षा के लिए कुछ भी करने या मरने मारने पर तुल जाता है.  पिछली बार उसने जिस राज को दो गज जमीन के नीचे दफन करके अपने परिवार की बेगुनाही साबित कर दी थी, अब वो राज, एक माँ का, अपने गुम हुए बेटे को खोजने की तड़प के आगे जर्जर होकर टूटता नजर आता है.  और फिर शुरू होता है उस केस फाइल को री-ओपन करने की जद्दोजहद, जो दहशत और गले का फाँस बन जाता है फिल्म के मुख्य पात्र विजय के लिए भी और फिल्म के दर्शकों के लिए भी, हालांकि दर्शकों के मन में एक प्रश्न ये उठता है कि क्या ‘दृश्यम 2’ साउथ स्टार मोहनलाल, मीना, अनसीबा हसन और एक्टर अनिल अभिनीत ओरिजिनल मलयालम फिल्म ‘दृश्यम’ की कहानी से मेल खाती है? अब क्योंकि इस फिल्म का तमिल और मलयालम वर्शन ओटीटी पर उपलब्ध हैं और कोविड काल में खूब देखी गई है इसलिए दर्शकों का यह प्रश्न जायज है.  लेकिन फिल्म के निर्देशक अभिषेक पाठक और नायक अजय देवगन ने दावा किया है कि उनकी फिल्म ‘दृश्यम 2’  ओरिजिन से एकदम अलग है.  हालांकि उन्होंने फिल्म के सार के साथ छेड़छाड़ नहीं की है लेकिन उन्होंने अपनी फिल्म को ताजगी देने के लिए और उसे अपने बलबूते पर खड़े होने के लिए बहुत सी रचनात्मक स्वतंत्रता ली है.  अजय ने कहा, हमारी इस फिल्म में कई नए किरदार जोड़े गए हैं और बहुत सारे बदलाव किए गए हैं जैसे अक्षय खन्ना या कमलेश सावंत का किरदार.  लेकिन फिर भी हमने फिल्म की आत्मा को बरकरार रखा है, इसलिए हमें पूरा विश्वास है कि जब दर्शक मेरी इस फिल्म को देखेंगे तो उन्हें किसी और फिल्म की याद नहीं आएगी और एकदम नई कहानी लगेगी. 

 फिल्म के निर्देशक अभिषेक पाठक ने कहा कि फिल्म की पूरी टीम ने सात आठ महीने तक स्क्रिप्ट पर जी तोड़ मेहनत की है ताकि ‘दृश्यम 2’ की कहानी, उस मूल कहानी की कार्बन कॉपी कदापि ना लगे बल्कि कहानी के सार का उत्तराधिकारी लगे.  वे बोले, इसलिए हमने तुरंत शूटिंग शुरू ना करके पहले सात आठ महीने स्क्रिप्ट को काफी बदलने का काम किया. 
 2015 की निशिकांत कामत निर्देशित सुपर हिट फिल्म, ‘दृश्यम’ का सीक्वल ‘दृश्यम 2’ में मुख्य स्टार कास्ट वही है, अजय देवगन, तब्बू, इशिता दत्ता, श्रिया सरन,रजत कपूर, और अक्षय खन्ना.  फिल्म के ट्रेलर में कहे गए एक डायलॉग सच पेड़ के बीज की तरह होता है, जितना चाहे दफना लो, वो एक दिन बाहर आ ही जाता है.  अजय का यह डायलॉग रहस्य को और बढ़ाता है, क्योंकि सबको ये पता है कि बेहद चालाक विजय सलगांवकर (अजय देवगन) जो अपने परिवार को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, क्या वो हार मान लेता है या यह भी उसकी कोई तिकड़म और चाल है? वैसे यह दावा किया जा रहा है कि ‘दृश्यम 2’ पहले वाले ‘दृश्यम’ से भी ज्यादा खतरनाक होगा क्योंकि पहले वाले दृश्यम में एक कड़क पुलिस इंस्पेक्टर मीरा देशमुख (तब्बू) अपने बेटे के गुम हो जाने पर शक के बिना पर विजय सलगांवकर के परिवार के पीछे पड़कर उसके नाक में दम कर देती है और इस बार ‘दृश्यम 2’ में तब्बू के साथ साथ एक और पुलिस अफसर (अक्षय खन्ना) भी विजय सलगांवकर के लिए मुसीबतों का पहाड़ ले आता है.  तब्बू का मानना है कि यह फिल्म उनकी पिछली हर फिल्म से अलग और बहुत चुनौतिपूर्ण रही, इसलिए उन्हें भी ’दृश्यम 2’ से बहुत उम्मीदें है कि दर्शक जरूर इस फिल्म को पहले से ज्यादा पसंद करेंगे. 

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