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IFFI 2023: Boman Irani ने ब्रेक्सिट इंडिया को बताया एक मानवीय ट्रेजडी, IFFI 2023 में होगा डॉक्यूमेंट्री का प्रीमियर

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By Asna Zaidi
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IFFI 2023: Boman Irani ने ब्रेक्सिट इंडिया को बताया एक मानवीय ट्रेजडी, IFFI 2023 में होगा डॉक्यूमेंट्री का प्रीमियर

IFFI 2023: इंडियन सिनेमा के सबसे बड़े फिल्म फेस्टिवल आईएफएफआई 2023 (IFFI 2023) की शुरुआत आज 20 नवंबर 2023 से होने जा रही हैं जिसकी तैयारियां काफी समय से चल रही थी. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर नुसरत भरूचा, श्रेया घोषाल, सुखविंदर सिंह, माधुरी दीक्षित, शाहिद कपूर, श्रेया सरन जैसे सितारों की प्रस्तुति के साथ महोत्सव का उद्घाटन करेंगे. 

आईएफएफआई गोवा 2023 में होगा फिल्म 1947: ब्रेक्सिट इंडिया का प्रीमियर 

यही नहीं आईएफएफआई के 54वें (IFFI 54th) संस्करण के दौरान हिंदी और साउथ सिनेमा सहित अन्य भाषाओं की कई भारतीय फिल्मों की पैनोरमा स्क्रीनिंग की जाएगी. वहीं डॉक्यूमेंट्री ब्रेक्सिट इंडिया (1947: Brexit India) एक इंडो-यूएस प्रोडक्शन को आधिकारिक तौर पर गोवा में प्रतिष्ठित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) 2023 में प्रदर्शित करने के लिए चुना गया है.

डॉक्यूमेंट्री 1947: ब्रेक्सिट इंडिया करती हैं इतिहास की जटिलताओं को उजागर

आपको बता दें कि डॉक्यूमेंट्री सन् 1947: ब्रेक्सिट इंडिया इतिहास की उन जटिलताओं पर प्रकाश डालती है जिनके कारण 20वीं सदी में सबसे महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक बदलाव हुए. डॉक्यूमेंट्री आर्थिक दृष्टिकोण से इस रहस्य को उजागर करती है कि कैसे घटनाओं के एक अप्रत्याशित मोड़ में, ब्रिटेन जल्दबाजी और अचानक पीछे हट गया, जिससे भारत की स्वतंत्रता में लगभग एक साल की तेजी आई. इस अचानक प्रस्थान ने दुनिया में सबसे विनाशकारी मानव निर्मित आपदाओं में से एक को जन्म दिया, और फिल्म का उद्देश्य इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक क्षण के आसपास की जटिलताओं को प्रकाश में लाना है. इसके बाद के गहन परिणामों पर प्रकाश डालना है. इसकी बड़े पैमाने पर शूटिंग लंदन, वेल्स, हल, दिल्ली, चंडीगढ़, अमृतसर, मुर्शिदाबाद, प्लासी, बक्सर और मुंबई में की गई है.

डॉक्यूमेंट्री 1947: ब्रेक्सिट इंडिया को लेकर बोले बोमन ईरानी

बोमन ईरानी (Boman Irani) ने 1947: ब्रेक्सिट इंडिया डॉक्यूमेंट्री को लेकर कहा कि, “कथावाचक के रूप में, मैंने आज के दर्शकों को बांधे रखने के लिए एक ऐतिहासिक कथा प्रस्तुत करने की चुनौती को स्वीकार किया. यह केवल घटनाओं का पुनर्गणना नहीं है. यह एक मानवीय ट्रेजडी की खोज है, जो हमारे इतिहास का एक महत्वपूर्ण पल है. यह प्रोजेक्ट एक व्यक्तिगत मिशन बन गया, जिसने एक ऐसी कहानी की परतें खोलीं जिससे कई लोग अपरिचित हैं. समर्पण और प्रतिबद्धता के माध्यम से, पूरी टीम ने एक ऐसी फिल्म तैयार की है जो न केवल शिक्षित करती है बल्कि भारत की स्वतंत्रता की यात्रा पर एक कालातीत परिप्रेक्ष्य पेश करती है. बता दें डॉक्यूमेंट्री का संचालन और वर्णन श्री बोमन ईरानी द्वारा किया गया है. डॉक्यूमेंट्री शमा जैदी द्वारा लिखी गई है. यह डॉक्यूमेंट्री डॉ स्वर्णजीत सिंह द्वारा निर्मित और संजीवन लाल द्वारा निर्देशित और सह-निर्मित है.

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