INTERVIEW: मेरी ज़िन्दगी में कोई भी लड़का नहीं है - अथिया शेट्टी By Mayapuri Desk 04 Jul 2017 | एडिट 04 Jul 2017 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर लिपिका वर्मा अथिया शेट्टी अपनी दूसरी फिल्म ,'मुबारकां ' को लेकर बहुत उत्साहित है। अथिया इस बात से भी बहुत खुश है कि उसे फिल्म मेकर्स अलग- अलग किरदार में देख पा रहे है। पिछली फिल्म ,'हीरो' में इमोशनल एवं रोमांटिक किरदार निभाने के बाद निर्देशक अनीस बज़्मी ने अथिया को एक कॉमेडी फिल्म में कास्ट किया है। फिल्म मुबारकां ' लंदन में शूट की गई है और अथिया को लंदन की सबसे बेहतरीन बात यही लगी है कि वहाँ के लोग बहुत इज्जतदार है और अपने परिवार को अत्यंत महत्व देते है। लंदन के गुरूदवारे में जब फिल्म की शूटिंग हुई तब वहां उन्हें ढेर सारे भारतीय लोग मिले और उन्हें सभी ने ढेर सारा प्यार भी दिया। अथिया ने यह भी बताया कि उसकी ज़िन्दगी बहुत बोरिंग है ...और जानने के लिए पढ़िए यह लेख - दरअसल खबर थी कि शूटिंग के दौरान अथिया शेट्टी इतने ज्यादा रीटेक देती है कि फिल्म की सारी स्टारकास्ट इससे परेशान हो गई थी। अथिया के रीटेक की वजह से फिल्म के एक सीन की शूटिंग को पूरा करने में घंटो बीत जाते थे। अथिया ने कहा, 'ऐसी खबरें मैं रोज पढ़ती हूं लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं अपना काम बहुत अच्छे से जानती हूं और कभी-कभी दिक्कतें होती है।' उस दिन खबर मिली थी कि अथिया के दादाजी का निधन हो गया है> जानने के लिए पढ़िए यह लेख फिल्म 'मुबारकां' में अथिया के अलावा अनिल कपूर, अर्जुन कपूर, इलियाना डीक्रूज, रत्ना पाठक शाह, पवन मल्होत्रा, नेहा शर्मा और राहुल देव नजर आएंगे। यह फिल्म 28 जुलाई को रिलीज होगी। फिल्म में अर्जुन कपूर की दोहरी भूमिका है। पेश है अथिया शेट्ठी से लिपिका वर्मा की बातचीत के कुछ अंश - फिल्म मुबारकां ' का किरदार कैसा है आपका ? और यह पहली फिल्म से कितना अलग है? मुझे ख़ुशी है कि मुझे निर्देशक अनीज़ बज्मी ने एक कॉमेडी फिल्म का हिंसा बनाया है , इस फिल्म में मेरा रियल लाइफ किरदार जोकि बहुत सिंपल है , वो रील किरदार बिनकिल से बहुत मिलता जुलता है। जब आप साधारण विचार और अच्छे विचार रखते है , वो आपके चहरे पर स्पष्ट दिखलाई देता है। कॉमेडी करना बहुत मुश्किल है और फिल्म मेकर्स मुझे अलग अलग किरदार में देख पा रहे है यही बहुत ख़ुशी की बात है। अथिया की पर्सनल ज़िन्दगी में क्या कुछ चल रहा है ? देखिये, मेरी पर्सनल ज़िन्दगी बहुत ही बोरिंग है। यदि आप यह जानना चाह रही है कि कोई लड़का है या नहीं मेरे जीवन में? तो में आप को यह बता दूँ ....मेरी ज़िन्दगी में कोई भी लड़का नहीं है। आप मुझे एक लड़का ढूंढ कर दे दे। (हँसते -हँसते हुए अथिया ने कहा ) जब आप फ़िल्में नहीं कर रही होती है तो तब क्या करती है? मुझे ट्रेवल करना बहुत पसंद है। सो जब फ़िल्में नहीं होती है तो मैं ट्रेवल कर लिया करती हूँ। मुझे पुरे भारत का भ्रमण करना है। मैंने अभी तक ताज-महल भी नहीं देखा है सो ताज महल देखने जरूर जाना चाहूँगी । अपने बच्चपन के बारे में कुछ बताएं ? मैंने अपनी पढ़ाई लिखाई विदेश में पूरी की है। वहीं मैंने अपने लिए खाना बनाना भी सिखा और अपना बिस्तर भी खुद ही लगाना सिखा है। सो अब मुझे अपने पर बहुत विश्वास है। और मैं स्वतंत्रता से कोई भी निर्णय ले सकती हूँ। मेरे पिताजी ने भी मुझे यही सिखलाया है कि अपने ही बलबूते पर निर्णय लेना चाहिए। यदि कोई ग़लती भी होती है तो उससे कोई न कोई सीख मिलती है। और इसी प्रकार से सीख कर आप को आगे बढ़ना चाहिए। और विदेश में अकेले रहने के बाद मेरा आत्मविश्वास और ढृढ़ हो गया है। आपके पिताजी की फ़िल्में देख कर बड़ी हुई है आप। कुछ यादें हमसे शेयर करना चाहेंगी आप ? मुझे आज ही याद है जा मैं केवल पांच वर्ष की थी और एक फिल्म में मेरे पिताजी का देहांत हो जाता है। वो सीन देख कर मै फूट-फूट कर रोने लगी थी। शायद वो 'बॉर्डर' फिल्म ही थी। पर इन उसी वक़्त मेरे पिताजी ने मैं दूर से प्रवेश किया। मै जैसी एकदम हक्की -बक्की रह गयी थी। मेरे पिताजी को कोई फिल्म में पिटे मुझे देखा नहीं गया। पर हां (हंस कर) वह लोगों की धुनाई करें तो मै बहुत खुश हुआ करती हूँ। पिता पुत्री के रिश्ते कैसे है ? मेरे पिताजी बहुत सरल सीधे स्वाभाव के है। उन्होंने हमे दादा -दादी और पूरे परिवार के साथ प्रेमपूर्वक रहना सिखलाया। मझे आज भी याद है, दादाजी, से मेरी बहुत पटती थी। पहले में पापा के इतने करीब नहीं थी जितनी अब हूँ। वो मुझे हमेशा यही शिक्षा देते है- कि सफलता को कभी भी अपने मष्तिष्क में घर मत करने देना। तुम्हे बॉलीवुड की दुनिया में सफलता एवं असफलता दोनों ही चखना होगा। किन्तु हर हाल में बैलेंस्ड ही रहना। ग्लिट्ज़ और ग्लैमर की इस दुनिया को अपने ऊपर कभी भी हावी होने मत देना। आप एक जॉइंट परिवार से बिलोंग करती है क्या कहना चाएंगी आप? देखिये, मेरे पापा ने अपने माता- पिता एवं अन्य रिश्तेदारों से मेल जोल रख कर , हमें यह तो सिखा ही दिया है कि परिवार का एकजुट होना कितना महत्वपूर्ण है। मेरे दादाजी की में चहेती हुआ करती पर वो भी मुझे यही शिक्षादिया करते की हमेशा कर्म करो। किसी पर कभी भी निर्भर नहीं रहना चाहिए । मेरी दिनचर्या की जानकारी लिया करते मेरे दादाजी और मुझे समझाया भी करते। फिल्म, ' हीरो' के समय तो मुझे यह भी समझाते - तुम्हे ऐसे अभिनय करना था वैगेरा वैगेरा । मेरे विडोस देख कर उनकी आँखों से आंसूं टपकने लगा करते यह उनका प्रेम ही तो था। जब कुछ पसंद नहीं आता तो कह दिया करते ..यहाँ पर तुमने गडबड़ कर दी। फिल्म, 'मुबारकां ' के पहले दिन के शूट पर जब मुझे यह खबर मिली कि- दादाजी जी का देहान्त हो गया है , तो कुछ पल के लिए में स्धब्ध रह गयी। किन्तु बाद में उनकी ही सिख को सोच कर काम में जुट गई। अचानक लगा -मै कितनी मच्योर (प्रौढ़) हो गई हूँ !! सच जब कभी मेरे माता -पिता ने मुझे कुछ देने से इंकार कर दिया होता तो मेरे दादा-दादी हमरी मर्जी पूरी करते। पर समय समय पर हमें अनुशासन के गुर भी बतला दिया करते। अपने भाई -जोकि फिल्मों में पदार्पण कर रहे है क्या कहां है आपको? देखिये , वो मुझ से छोटे है किन्तु ऐसे व्यव्हार करते है जैसे कि मुझ से बहुत बड़े है। जहाँ तक पैसों का मामल है आज भी मै उसे पैसे दे दे कर बिगड़ रही हूँ। अक्सर मेरे पास आता है मेरा भाई और हमेशा पैसे मांग कर कहेगा - कल लौटाता हूँ ---पर उसका कल कभी नहीं आता है। पर हाँ अभी रक्षा बंधन आने वाली है तो मै उसे बहुत बड़ी गिफ्ट्स की लिस्ट देने वाली हूँ। पर हाँ जितनी भी अच्छी सलाह होती है वो मुझे अपने छोटे भाई से ही मिलती है। हमेशा यही ईश्वर से प्रार्थना करुँगी -वो सुखी रहे। #Athiya Shetty #Mubarakan #फ़िल्मी इंटरव्यू हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article