‘मैं ख़ुशनसीब हूँ कि मेरे पास बहुत ही अच्छे दोस्त हैं’- प्रभास By Lipika Varma 01 Sep 2019 | एडिट 01 Sep 2019 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर लिपिका वर्मा बाहुबली की धुआंधार सफलता के बाद दोबारा प्रभास हिंदी भाषा और अन्य साउथ की भाषाओं में बन रही फिल्म ‘साहो’ से अपनी वापसी कर रहे हैं। फिल्म ’साहो’ के मायने समझते हुए प्रभास ने बताया की तेलुगु (संस्कृत) में, ‘साहो’ का मायने ‘जय हो’ होता है। प्रमोशन में जुटे प्रभास ने लिपिका वर्मा के कुछ प्रश्नों के उतर दिए - फिल्म ‘बाहुबली’ के बाद आपकी जिंदगी कितनी बदली है? - यह सच है कि, मेरी जिंदगी बदली है, मगर मैं स्टारडम को खुद पर हावी नहीं होने देना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि हमेशा जिंदगी में सामान्य रहूं। इसलिए अपने परिवार के लोगों से और दोस्तों से हमेशा घिरा रहना पसंद करता हूं। लेकिन कभी-कभी मैं खुद सोचता हूं कि बाहुबली को लेकर जो चाह लोंगों में देखने को मिलती है, क्या मैं वही हूं? क्या मैंने ही फिल्म “बाहुबली“ की है? कभी-कभी मुझे खुद पर ही विश्वास नहीं होता है। मुझे खुशी है कि-फिल्म “बाहुबली“ अब वेब सीरिज के रूप में भी आ रहा है। आप अपने स्टारडम से कितने प्रभावित हुए हैं ? - दरअसल में, मैं ख़ुशनसीब हूँ कि मेरे पास बहुत ही अच्छे दोस्त हैं। मेरे दोस्तों ने मुझे ग्राउंडेड रखा है। फिल्म ’साहो’ मेरे दोस्तों ने ही प्रोड्यूस की हैं। उन्होंने मेरे स्टारडम को, मुझ पर हावी नहीं होने दिया है। मैं, अमूमन अपने परिवार एवं अपने दोस्तों के साथ रहता हूं. मैं पब्लिक पर्सन नहीं हूं। बॉक्स ऑफिस आपके लिए कितना मायने रखता है ? - मेरे लिए बॉक्स ऑफिस बहुत ही मायने रखता है। मुझे लगता है कि हर स्टार के लिए बॉक्स ऑफिस मायने रखता है। क्योंकि इससे ही पता चलता है कि-ऑडियंस आपके बारे में क्या सोचती है, वह आपको पसंद भी कर रही है या नहीं ? हिंदी फिल्मों में अब और फ़िल्में करने का इरादा है क्या? - हिंदी फिल्मों में कितना रहेंगे, कितना नहीं रहेंगे? और फिल्में करेंगे या नहीं करेंगे? इस पर प्रभास कहते है - यह सब मेरी फिल्म ’साहो’ की कामयाबी पर ही तय हो पायेगा, अगर मुझे यहाँ पर इस फिल्म के बाद लोग पसंद करते हैं, तो मैं जरूर आगे भी फिल्में करना पसंद करूँगा। वैसे भी मैं पैन इंडिया की फिल्में करते रहना चाहता हूँ। जहां तक बात है कि रिजनल और हिंदी सिनेमा के बीच की बाउंडरी की तो, मैं कहना चाहूंगा कि “बाहुबली“ ने यह बाउंड्री तोड़ इसकी शुरुआत की है। सच कहूं तो हमारी फिल्म “बाहुबली“ ने तो जापान में भी अच्छा बिजनेस किया। वहां के लोगों में भी बाहुबली का क्रेज शानदार था। वह देख कर मैं दंग था कि कोई फिल्म कहां तक लोगों को प्रभावित कर जाती है। प्रभास सलमान के काम को क्यों पसंद करते है? सलमान खान को अपना कॉम्पिटिटर मानते हैं क्या? - मेरी मां भी सलमान की फैन रही है। केवल मेरी मां ही नहीं, मेरे नानाजी भी सलमान खान के फैन रहे हैं और सलमान खान की फिल्म “मैंने प्यार किया कई बार देखी है। मैं खुद भी सलमान खान के काम को पसंद करता हूँ और उनकी फिल्में भी देखता हूँ। उन्होंने जो इन 31 वर्षों में अपना एक मुकाम बनाया है वह काबिले तारीफ है। उनसे मैं ही नहीं ढेर सारे अभिनेता इंस्पायर हुए हैं। सो उनसे कम्पटीशन का साल ही नहीं पैदा होता है। प्रभास क्या खुद स्टंट करते हैं ? - फिल्म “बाहुबली“ के बाद किसी एक्शन फिल्म के नहीं, बल्कि रोमांटिक फिल्म का हिस्सा बनना चाहता हूँ मैं। लेकिन कोई वैसी स्क्रिप्ट मिली नहीं। इसलिए एक्शन फिल्म “साहो“ को चुना है मैंने। लोगों को मुझसे उम्मीदें बढ़ गयी हैं, इसलिए वह हमेशा यही चाहेंगे कि वह बाहुबली के स्तर पर अपनी बाकी फिल्मों में भी नजर आ सकें। अपने करियर के शुरुआती दौर से मैंने अपने स्टंट खुद किये हैं। मैंने कभी किसी बॉडी डबल का सहारा नहीं लिया है। अब लेते हैं हालांकि, लेकिन शुरुआत में उन्हें इसे करने में मजा आता था। पहले मेरे सारे स्टंट मास्टर भी नाराज होते थे कि मैं इतना रिस्क क्यों लेता हूं। मैं 15-20 फीट की ऊंचाई वाले जंप्स भी ले लिया करता था। लेकिन अब उतना रिस्क नहीं लेता हूं। आप सबसे महंगे सुपरस्टार हैं, क्या कहना है इस बारे में? - मैं दोस्तों के साथ अधिक फिल्में करता हूँ। सो अपने दोस्तों से फिल्मों की फीस के बारे में बातें नहीं करता हूँ। इसीलिए मुझे नहीं लगता कि -मैं सबसे महंगा सुपरस्टार हूं। आपकी शादी की खबरों पर क्या टिपणी करना चाहेंगे आप? - मैं लंबे समय से इस रयूमर को सुन रहा हूं। मगर इसमें कोई सच्चाई नहीं है। अनुष्का शेट्टी के साथ अफेयर की खबरों पर उनका कहना है कि- वह सिर्फ अफवाह है, वह मेरी बहुत अच्छी दोस्त हैं और हम दोनों एक दूसरे को कई सालों से जानते हैं। कुछ सोच कर आगे प्रभास कहते हैं -हां पिछले सात सालों से मैं सुन रहा हूं. लेकिन ऐसी फिलहाल तो कोई प्लानिंग नहीं है. फिलहाल इस बात में कोई भी सच्चाई नहीं है. अनुष्का अच्छी दोस्त हैं। क्या आप की हिंदी अच्छी है ? अब हिंदी फिल्मों का हिस्सा बन गए हैं, क्या कहना चाहेंगे इस बारे में आप? - मैंने हिंदी सीख ली है और मैं हिंदी में ही स्क्रिप्ट लेना पसंद करता हूँ। क्योंकि हिंदी में ही डायलॉग्स बोलने होते हैं तो इंग्लिश में स्क्रिप्ट नहीं पढ़ना पसंद मुझे हैं। फिल्म “साहो“ के सारे डायलॉग मैंने हिंदी में ही लिखवाये, क्योंकि मुझे लगता है कि डायलॉग हिंदी में ही लिखवाने से, उसका रियल इमोशन सामने आता है। मैं हिंदी अच्छी तरह पढ़ना और लिखना जानता हूँ। और आगे भी, अगर मैं हिंदी फिल्म करूँगा तो हिंदी मैं ही स्क्रिप्ट सुनना पसंद करूँगा। #bollywood #Prabhas #Saaho हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article