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मैं अपनी मौजूदा इमेज से बहुत खुश हूं- कृष्णा अभिषेक

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By Shyam Sharma
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मैं अपनी मौजूदा इमेज से बहुत खुश हूं- कृष्णा अभिषेक

कृष्णा अभिषेक ने अपने करियर की शुरूआत फिल्मों में बतौर हीरो की थी लेकिन शुरूआती फिल्में न चलने पर वह कॅरियर को लेकर पिछड़ गये। कुछ अरसे बाद किस्मत ने उन्हें एक बार फिर आगे ला खडा किया, लेकिन इस बार कृष्णा कॉमेडी के नायक बने। कितने ही कॉमेडी शोज ने कृष्णा को हास्य कलाकार के तौर पर घर घर पहुंचा दिया। कृष्णा ने एक बार फिर फिल्मों का रूख किया तो देखते देखते  करीब आधा दर्जन फिल्में उनकी झोली में आ गिरी । इन्हीं में से एक का नाम हैं ‘ पुष्पा आई हेट टीअर’। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान कृष्णा से हुई एक बातचीत।

सुना है, यहां आप नगेटिव रोल निभा रहे हैं ?

नगेटिव नहीं कह सकते। हां थोड़ा ग्रेशेड रोल जरूर है। देखिये एनर्जी मेरी वही है, बहुत ह्यूमरस है। मैं विलन बनने की कोशिश भी नहीं कर रहा हूं। बस मुझे पहली बार एक ऐसा कुछ करने को मिला है, जैसा आप अब्बास मस्तान की फिल्मों में देखते आये हैं। मसलन बाजीगर का शाहरूख खान, हमराज का अक्षय खन्ना या दीवानगी का अजय देवगन आदि। यह भी लगभग उसी तरह का किरदार है। मैं इस रोल को अलग दिखाने के लिये काफी कुछ कर रहा हूं। मैने किरदार के कुछ अलग हाव भाव और अगल स्टाइल रखने की कोशिश की है।

इस भूमिका के जरिये अपनी कॉमेडी इमेज धोने की फिराक में तो नहीं हैं ?

ऐसा नहीं है। मैं अपनी मौजूदा इमेज से बहुत खुश हूं क्योंकि इसकी बदौलत आज मैं यहां हूं। हां यह जरूर है कि इमेज को देखते हुये किसी ने कुछ अलग करने का मौका ही नहीं दिया। फिल्में भी मिली तो एन्टरमेन्ट या कितने कूल हैं हम या फिर बोल बच्चन जैसी कॉमेडी फिल्में मिली। इस बार मुझे एक अलग रोल तो मिला ही लेकिन इसका स्क्रीनप्ले और डायलॉग्ज भी कमाल के हैं।

करियर के दस पंदरह सालों के दौरान कितने मैच्यौर हुये हैं ?

एक वक्त था जब शुरूआत में हर रोल को लेकर बहुत रोमांचित रहा करता था। मुझे स्क्रीनप्ले क्या होता है नहीं पता था। लेकिन इन दस पंदरह सालों के दौरान पता चला कि अच्छी कहानी क्या होती है, स्क्रीनप्ले और डायलॉग्ज का क्या महत्व होता है। इस फिल्म की बात की जाये तो मुझे पता है कि हम कोई बड़ी फिल्म नहीं बना रहे, लेकिन इतना जरूर हैं कि अच्छी फिल्म बना रहे हैं।

इसे आप किस जॉनर की फिल्म कहेगें ?

यह एक ऐसी थ्रिलर फिल्म है, जिसकी कहानी इन्टरवल से पहले और बाद में भी झटके देती हुई आगे बढ़ती है। दरअसल स्टोरी शुरू से ही दर्शक को बांध कर रखती है। मैं लकी हूं कि मुझे यह फिल्म ऑफर हुई क्योंकि मैं एक अरसे ऐसे किरदार की तलाश में था।

अचानक फिल्मों की तरफ रूख करने की कोई खास वजह ?

दरअसल इन दिनों मेरे पास कोई शो नहीं था। इसी बीच एक फिल्म आई जिसकी कहानी मुझे अच्छी लगी तो मैने साइन कर ली लेकिन उसके बाद एक के बाद एक लगातार पांच फिल्में आई उन सभी की भूमिकायें मुझै बहुत पंसद थी इसीलिये मैने सभी साइन कर ली। हाईलाईट यह है कि सभी फिल्में फ्लौर पर हैं।

इन सभी फिल्मों के नाम क्या हैं ?

एक तो यही है जिसका नाम हैं ‘ पुष्पा आई हेट टीअर’, 2, शर्मा जी की लग गई, 3, टाइम नहीं है, 4, डाई टुमारो, 5, भाभी है तेरी पगले, जो रिलीज पर है। एक और फिल्म जिसका नाम अभी तय नहीं हुआ है।

आप एक साथ आधा दर्जन फिल्मों की शूटिंग कर रहे हैं। प्रैशर तो बहुत होगा ?

इस बारे में मैं जरा भी नहीं सोचता, वरना वास्तव में टेंशन शुरू हो जाती है।

आपको कॉमेडियन कहा जाता है। कैसा लगता है ?

बुरा लगता है। लोगों को नहीं पता कि मैं पहले एक्टर हूं जो कॉमेडी भी बढ़िया करता है। इसका मतलब यह नहीं कि मुझे कॉमेडी के अलावा और कुछ नहीं आता, लेकिन क्या किया जा सकता है। हमारी फिल्म इन्डस्ट्री ऐसी ही हैं यहां अगर आपने कोई रोल बढ़िया कर दिया। बस उसके बाद आपको वही ऑफर होता रहता है। मेरे साथ भी यही हुआ, मुझे कुछ कॉमेडी शोज मिले, जिनमें मुझे बहुत पंसद किया जाने लगा तो उसके बाद मैं लोगों की नजरों में कॉमेडियन हो गया।

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