“मुझे हमेशा बेहतरीन व सफल सीरियलों का हिस्सा बनने के अवसर मिलते रहे।”- तसनीम शेख By Mayapuri Desk 25 Jun 2021 | एडिट 25 Jun 2021 22:00 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर छोटे परदे की वैंप के रूप में मशहूर अभिनेत्री तसनीम शेख ने 2001 में सीरियल ‘घराना’ से अपने अभिनय करियर की शुरूआत की थी। फिर ‘कुसुम’, ‘कसौटी जिंदगी के’, ‘बाबुल की दुआएं लेती जा’, ‘कुमकुम’, ‘एक हजारों में है मेरी बहना’ जैसे कई चर्चित धारावाहिकों का हिस्सा रही। तसनीम शेख डेढ़ वर्ष पहले सीरियल ‘दास्तान ए मोहब्बत सलीम अनारकली’ में नजर आयी थी। अब पूरे डेढ़ वर्ष बाद वह सीरियल ‘अनुपमाँ’ में राखी दवे के किरदार में नजर आ रही हैं। करियर की शुरूआत के तीन वर्ष तक वह सकारात्मक किरदार निभाती रहीं, मगर सिरिअल ‘कुमुकम’ में उन्होंने पहली बार खलनायिका यानी कि वैंप का किरदार निभाया, तब से उन्हें हर सीरियल में वैंप के ही किरदार में देखा जा रहा है। प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के खास अंश... अपने अब तक के करियर को आप किस तरह से देखती हैं? सच कहूँ, तो मुझे लगता है कि मेरा करियर अबोध गति से निरंतर आगे बढ़ता जा रहा है। मैंने 16 अप्रैल 2006 में मर्चेंट नेवी में कार्यरत समीर नेरूरकर से शादी की थी। फिर मैं एक बेटी की मां बनी, जिसके चलते बीच में दो चार वर्ष मैंने खुद को अभिनय से दूर रखा। मगर मुझे सदैव बेहतरीन किरदार निभाने के अवसर मिलते रहे। मैं पिछले 22 वर्षों से उद्योग का हिस्सा हूँ और मैंने अब तक जितने भी किरदार निभाए हैं, उन्हें निभाने का मुझे गर्व है। मेरी अभिनय यात्रा मेरी एक खूबसूरत यात्रा रही है। मैंने 1997 में काम करना शुरू किया था और तब से अब तक यह बहुत ही सहज और सुंदर यात्रा रही है। भगवान बहुत दयालु रहे हैं और मैंने अपने करियर में कभी भी रोलर को-स्टार की सवारी का अनुभव नहीं किया। अब तक मैंने भारतीय टेलीविजन पर बहुत अच्छे सीरियलों में कुछ अद्भुत किरदार निभाए हैं जिन्हें लोग आज भी याद करते हैं। मैं इस टेलीविजन उद्योग की बहुत आभारी हूं क्योंकि यहां मुझे मेरा पति, मेरा परिवार मिला और यह टेलीविजन उद्योग भी मेरा परिवार बन गया। मेरी यात्रा बहुत सुखद और अच्छी रही है और आज जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं, तो पूरे मन से मुस्कुरा सकती हूं। अब तक आपने कई किरदार निभाए। कौन सा किरदार आपके दिल के करीब रहा? मेरे करियर के दूसरे नंबर के सीरियल ‘कुसुम’ में मेरे द्वारा निभाया गया ज्योति का किरदार मेरे दिल के काफी करीब है। यह एक सकारात्मक किरदार है। ज्योति बिल्कुल वैसी ही थी जैसी मैं वास्तविक जीवन में हूं। इसलिए ज्योति का किरदार निभाना मेरे लिए कभी भी अभिनय करने जैसा नही लगा। जब मैंने टीवी इंडस्ट्री में कदम रखा था, उस वक्त मैं थोड़ी डरी और घबरायी हुई थी, लेकिन मैं मेहनत करने को तैयार थी। इस कारण मेरा अंतर्मन कह रहा था कि मैं यहां पर अपना मुकाम बनाने में सफल रहँूगी। यूँ भी मेरे अंदर हर चुनौती को स्वीकार करने का एक जज्बा हैं। मैं निजी जिंदगी में वैसी ही थी, जैसी ज्योति थी और इसी वजह से मैं ज्योति को हमेशा याद रखूंगी। इसके अलावा मेरे दिल के करीब मेरा दूसरा किरदार रहा सीरियल ‘कुमकुम’ की रेणुका। रेणुका मुझे हमेशा याद रहती है। इसकी एक वजह यह भी है कि यह मेरे करियर का पहला नकारात्मक किरदार था, जो कि मेरे करियर में गेम-चेंजर साबित हुआ। इस नगेटिव किरदार को निभाने के बाद टीवी इंडस्ट्री में मेरी एक अलग छवि बनाई। मेरे प्रति लोगों का नजरिया बदल गया। तब से मुझे लगातार निगेटिव किरदार ही मिल रहे है। ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी‘ की मोहिनी हर्ष विरानी एक ऐसा किरदार है, जिसे मैं अब भी मिस करती हूं और टीवी पर सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला नकारात्मक किरदार था। उस वक्त मुझे काफी सराहना मिल रही थी। देखिए, मैंने अपनी बेटी के जन्म के चलते 2011 से 2017 तक अभिनय से दूरी बनायी थी, लेकिन जैसे ही मुझे सीरियल ‘दास्तान-ए- मोहब्बत सलीम अनारकली‘ में रुकैया सुल्तान बेगम का किरदार निभाने का अवसर मिला, मैंने तुरंत लपक लिया। रूकैया बेगम एक कॉस्ट्यूम ड्रामा में मेरा पहला किरदार था और मैं उससे प्यार करती थी। उसके माध्यम से, मैंने शीश महल जैसे परिवेश की आभा का अनुभव किया और रानी बन गई। मैं उस युग को महसूस करना चाहती थी और सेट इतना सुंदर था कि मेरे पास उन सभी यादों को संजोने के लिए कोई शब्द नहीं है, जो मेरे दिल के करीब हैं। उसी वजह से आज लोग मुझे राजन साही के सीरियल ‘अनुपमा’ में राखी दवे के किरदार में भी काफी पसंद कर रहे हैं। सीरियल ‘अनुपमाँ’ के किरदार को लेकर क्या कहेंगी? मैं इस सीरियल में राखी दवे का किरदार निभा रही हॅूं और अब तक दर्शक इससे काफी परिचित हो चुके है। लोगों की काफी अच्छी प्रतिक्रियाएँ मिल रही हैं, इसी तरह की प्रतिक्रियाएं मुझे सीरियल ‘कुमकुम’ में भी मिली थी। राखी दवे एक ऐसा किरदार है जिसे मैं संजो कर रखना चाहूंगी। और वह मेरी पसंदीदा में से एक है। राखी दवे एक मजबूत नेतृत्व वाली इंसान हैं, जो अपने बच्चे की बहुत देखभाल करती हैं। वह एक ऐसी महिला हैं, जो अपने और अपने परिवार के लिए मानकों को बनाए रखना चाहती है। वह एक ऐसा निगेटिव किरदार है, डार्क होने के बावजूद जिसे सपोर्ट और प्यार मिलता है। सीरियल ‘अनुपमाँ’ में अभिनय करते हुए कैसा महसूस कर रही हैं? सच कहूं तो मैं राजन शाही के सीरियल ‘अनुपमाँ’ का हिस्सा बनकर खुद को धन्य महसूस करती हूँ। मैंने इस सीरियल को सिर्फ इसलिए लिया, क्योंकि यह राजन शाही का सीरियल है। वह एक ऐसे निर्माता हैं जिनके साथ मैं वास्तव में लंबे समय से काम करना चाहती थी। मेरी बेटी के जन्म के बाद मैंने अभिनय से एक ब्रेक लिया, उस वक्त मैंने एक निर्माता के रूप में राजन सर की यात्रा को टेलीविजन के लिए उनके द्वारा बनाए गए कंटेंट के साथ देखा। इसलिए, मैं उनके प्रोडक्शन के साथ वापसी करना चाहती थी। जब मुझे इस किरदार के बारे में बताया गया, तब भी मैं असमंजस में थी कि मुझे इसे करना चाहिए या नहीं, क्योंकि यह मुख्य परिवार में नहीं था और अब तक मैंने जितने भी किरदार लिए हैं, वह सभी मुख्य परिवार के रहे हैं। लेकिन मैंने राजन शाही सर के विश्वास का पालन किया क्योंकि उन्होंने कहा, ‘तसनीम, आपको इसे करना चाहिए। आप वास्तव में इसका आनंद लेंगी‘ और मैंने इसके लिए हां कहा और मैं उस पर विश्वास करने के लिए बहुत आभारी हूं। अब तो अनुपमा के सभी कलाकार और क्रू मेंबर मेरे परिवार जैसे हो गए हैं। मुझे शूटिंग करना और सेट पर रहना पसंद है। आपके लिए किसी सीरियल की सफलता के क्या मायने हैं? हर कलाकार के लिए उसके अभिनय से सजे सीरियल की सफलता बहुत मायने रखती है। भगवान का शुक्र है कि मुझे हमेशा एक बेहतरीन व सफल सीरियल का हिस्सा बनने के अवसर मिलते रहे। मेरे सभी सीरियल सुपरहिट रहे हैं और वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया है और टीआरपी चार्ट में सबसे ऊपर है। मैं एक धन्य बच्चे की तरह महसूस करती हूं कि मेरी यात्रा में इस तरह के अद्भुत सीरियलों की हिस्सेदारी रही है। फिर चाहे वह सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी, ’हो या ‘कुसुम’, या ‘कुमकुम’ अथवा अब ‘अनुपमाँ’ हो। राखी दवे का किरदार तो आपकी जिंदगी से काफी अलग है? जी हाँ! सीरियल ‘अनुपमाँ’ में मेरा राखी दवे का किरदार काफी गुस्सैल स्वभाव का है। जबकि निजी जिंदगी में मैं बहुत ही ज्यादा शांत स्वभाव की हॅू। आपका फिटनेस मंत्र? मैं एक संयमित व अनुशासित जीवन जीती हूँ। मैं समय पर सोती हूं और समय पर उठती हूं। रात में 8 बजे के बाद मैं डिनर नहीं करती हूं। इतना ही नहीं, मैं बहुत ही साधारण खाना खाती हूं। हर दिन कसरत करती हूं। #anupamaa #Rajan Shahi #producer Rajan Shahi #Tasneem Sheikh #Tasneem Sheikh interview हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article