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‘‘महिलाओं ने पुरुषवादी सख्त नियमों को तोड़ना सीख लिया है‘‘ -कामना पाठक

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By Mayapuri Desk
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‘‘महिलाओं ने पुरुषवादी सख्त नियमों को तोड़ना सीख लिया है‘‘ -कामना पाठक

‘‘

महिलाओं

ने

पुरुष

वादी सख्त नियमों को तोड़ना सीख लिया है‘‘ यह कहना है एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कामना पाठक उर्फ राजेश सिंह का

‘अंतरराष्ट्रीय

महिला दिवस‘ के मौके पर एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश सिंह यानी कामना पाठक

ने बताया कि एक

महिला होना क्या होता है। उन

महिलाओं के बारे में बात की, जिन्हें वह मानती हैं और एक सशक्त

महिला किरदार निभा

ने के बारे में भी बताया। उनसे हुई बातचीत के अंश यहां दिये गये हैंः

1. ‘अंतरराष्ट्रीय

महिला दिवस’ का विषय ‘वीमन इन लीडरशिप: अचीविंग एन इक्वल फ्यूचर इन ए कोविड-19 वल्र्ड‘ (‘

नेतृत्व में

महिलाएंः कोविड-19 की दुनिया में समान भविष्य हासिल करना‘) आपके लिये क्या माय

ने रखता है?

महामारी के इस दुर्भाग्यपूर्ण समय में पूरी दुनिया थम गयी और हर किसी के बाहर निकल

ने पर पाबंदी लग गयी। लेकिन वो

महिलाएं ही थीं जोकि मजबूती से खड़ी थीं और दुनिया को एकजुट कर

ने के लिये दिन-रात मेहनत कर रही थी। इस महामारी में एक लहर सी देखी गयी जहां काफी संख्या में

महिलाओं

ने नये वेंचर शुरू किये और अप

ने बलबूते पर आंन्त्रप्रेन्योर बनीं। हमारी मांएं डांसर बनीं, बह

नें बेकर्स बन गयीं और कुल मिलाकर कहा जाये तो

महिलाएं आत्मनिर्भर हो गयीं। मेरा मानना है कि समान भविष्य एक काल्पनिक दुनिया की सोच है और

महिलाएं उस दुनिया तक पहुंच

ने के बेहद करीब है।

2.आपके लिये सबसे प्रेरणादायी

महिला कौन हैं (किसी बड़े पद पर और मनोरंजन की दुनिया में) और क्यों?‘‘महिलाओं ने पुरुषवादी सख्त नियमों को तोड़ना सीख लिया है‘‘ -कामना पाठक

शबाना आजमी हमेशा से ही मेरी प्रेरणा रही हैं। एक बेहतरीन एक्टर और एक जुनूनी समाजसेवी के अलावा, वह हिम्मत, ताकत, जुनून और सौम्यता को परिभाषित करती हैं। मैं उनकी फिल्में देखते हुए बड़ी हुई हूं और उनकी हर परफाॅर्मेंस

ने मुझे हमेशा हैरान किया है। उनकी उपस्थिति ही अप

ने आपमें एक अद्भुत अनुभव होता है। अप

ने जीवन में कई बड़ी चुनौतियों को उन्हों

ने पूरी सौम्यता और मर्यादा के साथ पार किया है। उनका काम ही बोलता है और मुझे उनकी योग्यता बेहद पसंद है मैं

ने उनसे काफी सीखा है और एक दिन मैं उनके जैसी बनना चाहती हूं।

3.पिछले साल से ही, हम देश में महामारी की स्थिति से लड़ रहे हैं। ऐसी स्थिति में आप

ने अप

ने काम को किस तरह संभाला, जब पूरी दुनिया पर छंटनी और आर्थिक मंदी के बादल मंडरा रहे थे?‘‘महिलाओं ने पुरुषवादी सख्त नियमों को तोड़ना सीख लिया है‘‘ -कामना पाठक

इस महामारी से लड़ना हममें से किसी के लिये भी आसान नहीं था। मेरे साथ-साथ हर कोई लगातार एक डर के साये में रहा था और सरकार के दिशानिर्देशों का पालन कर रहा था। आर्थिक मंदी भी एक बड़ा झटका थी, जिसका सामना करना था, लेकिन किस्मत से मुझे बहुत ज्यादा परेशानी नहीं झेलनी पड़ी। बेशक, शूटिंग में देरी और लाॅकडाउन की वजह से मेरे काम पर प्रभाव पड़ा था लेकिन शूटिंग शुरू होते ही धीरे-धीरे चीजें सामान्य होती चली गयीं। कोविड-19 के कहर से प्रभावित लोग एक योद्धा थे और हमें अपनी और अपनों की अच्छी सेहत के लिये शुक्रगुजार होना चाहिये।

4.आपको क्या लगता है, आज के दौर की

महिलाओं के साम

ने सबसे मुश्किल चुनौती कौन-सी है, खासकर कामकाजी

महिलाओं को अप

ने काम और जीवन के बीच संतुलन बना

ने में कैसी मुश्किल आती है?‘‘महिलाओं ने पुरुषवादी सख्त नियमों को तोड़ना सीख लिया है‘‘ -कामना पाठक

किसी भी उम्र की

महिला हो, सेहत एक ऐसी चीज है जिसे

महिलाएं नजरअंदाज करती हैं। हम अप

ने आस-पास मौजूद सारे लोगों का ध्यान खुद से रखते हैं, लेकिन बदले में अपनी सेहत को भूल जाते हैं। खुद का ध्यान रखना बेहद जरूरी है क्योंकि यदि आपकी सेहत खराब होनी शुरू हो जायेगी तो बाकी सारे लोगों पर भी हो असर पड़ेगा। यह दूरगामी प्रभाव की तरह है, हमारा काम, रिश्ते और हमारा सबकुछ प्रभावित हो

ने लगता है। काम और घर के बीच संतुलन बनाना हर किसी के लिये प्राथमिकता होनी चाहिये, खासकर

महिलाओं के लिये। आज के समय में

महिलाओं

ने

पुरुष

वादी सख्त नियमों को तोड़ना सीख लिया है, लेकिन लोगों का ख्याल रखना

महिलाओं के अंदर स्वाभाविक रूप से होता है।

महिलाएं अप

ने प्रोफेशन में अगली पंक्ति में खड़ी होती हैं और घर भी बखूबी संभालती हैं। दोनों तरह की समस्याओं से निपट

ने में योगा मुझे सूट करता है और इससे मुझे स्वस्थ महसूस कर

ने में मदद मिलती है। मुझे हमेशा ही आगे बढ़

ने की प्रेरणा मिलती रहती है।

5.आपका किरदार दर्शकों के दिलोदिमाग पर छाया हुआ है। आपके हिसाब से इस भूमिका/किरदार की खासियत क्या है?‘‘महिलाओं ने पुरुषवादी सख्त नियमों को तोड़ना सीख लिया है‘‘ -कामना पाठक

मैं राजेश सिंह को एक दबंग दुल्हन कह सकती हूं। भले ही वह एक गृहिणी है, लेकिन वह बिल्कुल बिंदास और हिम्मती

महिला है। उसे अप

ने पति को काबू में रखना पसंद है और वह उससे हमेशा कहा-सुनी करती रहती है। वह अपनी सासू मां की ढेरों शिकायतें करती  है। उसका अपनी सासू मां कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी) के साथ एक खट्टा-मीठा रिश्ता है। जब भी कोई राजेश के खिलाफ उंगली उठाता है तो कटोरी अम्मा ही सबसे पहले अपनी बहू को सपोर्ट करती है। एक ओर, उसका पति हप्पू पुलिस स्टेशन में काम में व्यस्त रहता है, तो दूसरी ओर वह अपनी सासू मां, नौ शरारती बच्चों और पूरे घर की बखूबी देखभाल करती है।

 6. आपके हिसाब से

महिला होना क्या है?‘‘महिलाओं ने पुरुषवादी सख्त नियमों को तोड़ना सीख लिया है‘‘ -कामना पाठक

मेरे हिसाब से एक

महिला

नेकदिल और स्वभाव से मधुर होती है, लेकिन सशक्त और मुखर होना भी उतना ही जरूरी होता है। अपनों के लिये वह त्याग करती है और सबकुछ सह लेती है लेकिन जब उसे मजबूर किया जाता है तो फिर पलट कर वार भी करती है। एक

महिला चाहे तो कुछ भी बन सकती है। उसे किसी को भी गलत तरीके से बात कर

ने का अधिकार नहीं देना चाहिये।

7. आप सभी लड़कियों और

महिलाओं से क्या कहना चाहेंगी?‘‘महिलाओं ने पुरुषवादी सख्त नियमों को तोड़ना सीख लिया है‘‘ -कामना पाठक

सभी

महिलाओं और लड़कियों से मैं कहना चाहूंगी कि खुद को प्राथमिकता में रखें, जैसी हैं वैसी बनी रहें और कभी हार ना मा

नें। अप

ने लिये वक्त निकालें, अपना कोई शौक चु

नें, जोकि आपके जुनून को आगे ले जाये और आप उसमें पूरी तरह डूब जायें। अपना लक्ष्य तय करें, उन्हें पूरा कर

ने के लिये आगे बढ़ते रह

ने वाली सोच को ध्यान में रखें। ‘‘महिलाओं ने पुरुषवादी सख्त नियमों को तोड़ना सीख लिया है‘‘ -कामना पाठक

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