अनिल जॉर्ज: मैंने फिल्म 'गदर 2' में पाकिस्तानी काजी का किरदार निभाया है By Shanti Swaroop Tripathi 20 Aug 2023 | एडिट 20 Aug 2023 07:30 IST in इंटरव्यूज New Update Follow Us शेयर कभी दिल्ली रंगमंच पर व्यस्त रहे अभिनेता अनिल जॉर्ज को अभिनेता टॉम ऑल्टर की सिफारिश पर सीरियल 'युग' में अभिनय करने का अवसर मिला था. फिर उन्होने आशिम अहलूवालिया के निर्देशन में फिल्म 'मिस लवली' किया, इस फिल्म ने कान्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में धूम मचा दी, तभी से वह निरंतर अभिनय करते आ रहे हैं. अब वह फिल्म 'गदर 2' को लेकर चर्चा में हैं. आपको अभिनय का चस्का कैसे लगा? देखिए, मेरे घर या परिवार में नहीं दूर-दूर तक अभिनय का कोई माहौल नहीं था. मेरे घर से कोई भी इंसान अभिनय के क्षेत्र में या कला के क्षेत्र में नहीं था. जब मैं 7 साल का था तभी से मुझे अभिनय का चस्का लग गया था. हम क्रिष्चियन हैं. हमारे यहां क्रिश्चियन समाज में बाइबल की कहानी पर नाटक होते हैं. तो हम वह करते थे. उसमें बड़ा आनंद मिलता था. यह बचपन की बात है. और कहीं ना कहीं आपके धर्म से जुड़ा हुआ मामला था. तो अभिनय को कैरियर बनाने की बात दिमाग में कैसे आई? सच कहॅूं तो बड़े होने के बाद भी लंबे समय तक अभिनय को कैरियर बनाने की बात नही आयी थी. यह तो हम जब फिल्म देखते थे,तो बड़ी अच्छी लगती थी. हम तो गुरूदत्त साहब की फिल्में देखते थे. उन्हे पर्दे पर देखकर हमें ऐसा लगता था कि यह तो हम भी कर सकते हैं. उस वक्त हमें संवाद बोलना वगैरह बहुत आसान लगता था. लेकिन जब मैने खुद अभिनय करना शुरू किया,तो पता चला कि नहीं इतना आसान नहीं है. आपका मुंबई नगरी में किस तरह का संघर्ष रहा? मुंबई आने से पहले मैंने दिल्ली में थिएटर किया है. 1998 से मैंने दिल्ली में बहुत थिएटर किया है. तो वहां जब नाटक करते थे,तो वहीं से एक प्रोफेशनल ग्राफ बना. जिसका मुझे अब जाकर एहसास होता है कि मैंने क्या किया है. दिल्ली में थिएटर करते वक्त हम स्वयं कास्ट्यूम आदि भी तैयार करते थे. तो फिल्मों में करियर की शुरुआत कैसे हुई? मैंने मंडी हाउस,दिल्ली में भी काफी थिएटर किया. वह बहुत अच्छा होता था. बहुत तारीफ मिली. बचपन में भी बहुत तारीफ मिली थी. फिर हमारे भाई समान दोस्त टॉम ऑल्टर पुणे चले गए थे. उसके बाद वह मुंबई आ गए थे. उन्होंने बहुत सारी फिल्में की. फिल्मों में काम करना बहुत बड़ी बात होती है. हमारी तो हिम्मत कभी नहीं होती थी कि हम किसी से कहें कि हम भी अभिनय कर सकते हैं या हम करेंगे. जब थिएटर करने लगा. तब भी मैंने टॉम भाई को बताया नहीं कि मैं थिएटर करता हूं. अचानक उनका कोलकाता में एक सीरियल की शूटिंग चल रही थी. जिसके लिए हमारे मंडी हाउस के कई दोस्त कोलकाता गए थे. उन्होंने वहां जाकर टॉम को बताया कि आपको दोस्त अनिल जॉर्ज दिल्ली में थिएटर कर रहा है. तब उन्हें पता चला कि मैं थिएटर कर रहा हूं. तब वहां पर कुछ बातचीत चली और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि पहले तुम अपनी पढ़ाई पूरी कर लो और फिर तुम मुंबई आओ. जबकि मैने कभी सोचा भी नहीं था कि कहां जाना है या क्या करना है. फिर सुनील अग्निहोत्री एक सीरियल 'युग' बना रहे थे,जिसकी शूटिंग फिल्मसिटी स्टूडियो में चल रही थी. टॉम ऑल्टर के कहने पर उन्होने मुझे बुलाया और सीरियल "युग" में बहुत बड़ा किरदार दे दिया. मैने सीरियल 'युग' में एक अंग्रेज किरदार निभाया. आप अब तक के अपने कैरियर को किस तरह से देखते हैं? कैरियर तो बहुत बढ़िया रहा. कई बदलाव देखे. कई उतार-चढ़ाव आते जाते रहे. कुछ अनुभव खट्टे मीठे रहे, जो सभी की जिंदगी में रहते हैं. कैरियर के टर्निंग प्वाइंट क्या रहे? यह बहुत अच्छी बात आपने पूछा टर्निंग पॉइंट यह रहा कि मैंने दोबारा दिल्ली जाकर थिएटर किया. जब मैं प्रोफेशनली रिहर्सल करता था,वहां मैं एक नाटक करता था 'मिर्जा गालिब',जिसमें टॉम आल्टर जी भरी थे. मैं इसमें मध्य उम्र का मिर्जा गालिब' बनता था. जबकि टॉम ऑल्टर बूढ़े का तथा एक कलाकार बचपन को निभाता. इस नाटक को देखकर निर्देशक अहलूवालिया ने मेरा ऑडिशन लेकर मुझे फिल्म 'मिस लवली' के लिए चुना. यही फिल्म मेरे कैरियर का टर्निंग प्वाइंट है. आप चाहें तो नंदी के साथ दो तीन नाटक कर सकते हो. मैने 'सिटी ऑफ ड्रीम्स' में तीन रोल किए थे. एक ही नाटक में मिर्जा गालिब के जो निर्देशक हैं उसके बाद ही मैंने उसमें किया था. अचानक एक दिन वह मेरे दफ्तर आ गए. उन्होंने देखा कि मैं काम कर रहा हूं. हम हमेषा टॉम आल्टर के साथ मैं मिलता रहा हॅूं। जब नाटक खत्म हुआ तो निर्देशक आशिम अहलूवालिया मुझसे आकर मिले।उन्होंने सामने आकर मुझसे कहा कि आप कलाकार हो इतना बेहतर काम करते हो मुझे पता ही नहीं था. उन्होंने मुझसे कहा कि शाम को आप मेरे घर आ जाना. मैं एक नाटक कर रहा हूं,उसमें आप काम करना. शाम को जब मैं उनके घर गया,तो उन्होंने मेरे सामने 'मिर्जा गालिब'की स्क्रिप्ट रखते हुए कहा कि इसमें से जिस किरदार को करना हो,तय करके बता देना. हाॅ! यह बताया गया था कि एक किरदार टॉम आल्टर जी करेंगें. इसके अलावा आपको जो किरदार पसंद आए आपका कर सकते हैं. 'मिस लवली' के अलावा फिल्मों में दूसरे टर्निंग प्वाइंट कौन कौन से रहे? टर्निंग प्वाइंट तो 'मिस लवली' ही है. मैंने तो इसमें मुख्य किरदार निभाया था. इसमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी, निहारिका सिंह और मैं हूं. फिल्म 'मिस लवली' कांस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी गयी थी. वह बहुत अच्छी स्पेशल कैटेगरी में थी. इसलिए उसकी कद्र भी हुई. मैं भी गया था. कांस फेस्टिवल में रेड कारपेट पर भी चला. जो कि वहां पर भी बहुत बड़ा सम्मान होता है. फिल्म "मिस लवली" को कान्स फिल्म फेस्टिवल में जबरदस्त शोहरत मिली थी. पर इससे आपके कैरियर को जो बूस्टप्प मिलना चाहिए था वह नहीं मिल पाया. कहां गड़बड़ी हुई? 'मिस लवली' 2009 में बनी थी और 2012 में रिलीज हुई थी. पर इसे मामी फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फिल्म का अवार्ड मिला. गोल्ड कैटेगरी में कॉस्टयूम में भी मिला. लोगों ने काफी सराहा. इसी फिल्म की वजह से इंडस्ट्री के लोगों ने मुझे पकड़ लिया और मुझे एक पहचान मिली "गदर 2" से कैसे जुड़ना हुआ? लोग फोन करके बुलाते हैं और मैं चला जाता हूं. कई बार तो ऐसा होता है,जो कि होना नहीं चाहिए. मुझे मालूम नहीं होता है कि लोग फोन कहां से कर रहे हैं. हमारे पास नए नए लोग आने लगे. हर जगह मेरे साथ ऐसा ही होता है. नॉर्मल से बातचीत होती है और बाद में लगता है कि यह तो बहुत महत्वपूर्ण होगी. तो एक दिन अनिल षर्मा के आॅफिस से इंटरव्यू के लिए फोन आया. मैं गया और मुझे इस फिल्म में अभिनय करने का अवसर मिल गया. इससे पहले वेब सीरीज 'मिर्जापुर' में आपका लाला का किरदार बहुत चर्चित हुआ था. उससे से क्या फायदा मिला? यह सीरीज फिल्म "मिस लवली' के कारण ही मिली थी. सब कुछ मिस लवली से जुड़ा हुआ है. मेरी पहचान ही मिस लवली से हुई है. हमारे एक कैमरामैन दोस्त हैं,जो कि दिल्ली में रहते हैं . उनसे अक्सर मुलाकात होती थी. जब फिल्म 'मिस लवली' रिलीज हुई,तो इसे देखने के बाद उन्होंने मुझसे कहा,'अरे जॉर्ज भाई पता ही नहीं था कि आप कलाकार हैं. हम मिलते रोज थे. मैं बहुत इंट्रोवर्ट हूं. अभी भी लोग मुझे कहते हैं कि आप इतना काम करते हैं, फिर भी बताते नहीं हैं. यहां तो दुनिया इतना सा काम करती है और दुनिया को सिर पर उठा लेती है. ग़दर 2 में क्या किरदार है उसका नाम क्या है? वैसे तो आप देखेंगे तभी मजा आएगा. लेकिन मैने पाकिस्तानी काजी का किरदार निभाया है. जबरदस्त रोल है. ग़दर 2 1971 की है तो उस समय जो काजी हुआ करते थे उस समय जो माहौल था उस पर आपने कोई पढ़ाई की है कुछ रिसर्च किया है या सिर्फ सिर्फ स्क्रिप्ट के आधार पर काम किया? स्क्रिप्ट के आधार पर ही तैयारी की. मैं स्क्रिप्ट को समझ कर,पढ़ कर उसमें अपनी जिंदगी के जो मेरे अनुभव हैं,उसको अपने जेहन मे पूरा उतारता हॅूं. फिर देखता हूं कहां कैसा क्या था फिर उस किरदार को अपने दिमाग में बैठाता हूं कि कैसे करना है. क्या करना है. इस तरह से मै किरदार निभाता हॅूं. सनी देओल के साथ काम करने के अनुभव? बहुत अच्छे अनुभव रहे. वह तो मजेदार इंसान हैं. #bollywood news in hindi #gadar 2 #latest trending news #Anil George #Anil George interview #Anil George news #Anil George in gadar 2 #gadar 2 interview #bolllywood updates हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article