Sandeep Modi: 'The Night Manager' से जुड़े हर शख्स की लाइफ में एक छोटा बदलाव आया है By Sristi Anand 11 Jun 2023 | एडिट 11 Jun 2023 04:30 IST in इंटरव्यू New Update Follow Us शेयर शैली की लंका जलाने को शान है तैयार! जीतेगा कौन? अब भाई ये तो 'द नाइट मैनेजर' पार्ट 2 की रिलीज के बाद ही पता चलेगा. जब सीरीज का पहला पार्ट आया था तब दर्शक इसके दीवाने हो गए थे और अब इंतजार है तो बस एक ही चीज का वो है 'द नाइट मैनेजर' पार्ट 2 की रिलीज का क्यों की सबको यही जानना है कि कहानी में आगे क्या होगा? क्या शान जीत जाएगा या फिर पहले ही पकड़ा जाएगा? क्या शैली शान का सच जान जाएगा? अब क्या होगा ये तो आपको सीरीज के आने के बाद ही पता चलेगा जिस में सब कुछ है एक्शन, थ्रिल, रोमांस और सस्पेंस. 'द नाइट मैनेजर' पार्ट 2 में एक बार फिर आदित्य रॉय कपूर, अनिल कपूर, शोभिता धूलिपाला, सास्वत चटर्जी और तिलोत्तमा शोम मिल कर मचाएंगे बवाल! इसी के साथ सीरीज के क्रिएटर और डायरेक्टर संदीप मोदी ने टीम मायापुरी से बात की जहां उन्होंने 'द नाइट मैनेजर' पार्ट 2 को लेकर कई सारे खुलासे किए और साथ ही ये भी बताया कि मायापुरी से जुड़ी उनकी बचपन की बहुत सारी यादें हैं. क्या आप उम्मीद कर रहे थे कि शो का पहला पार्ट इतना अच्छा जाएगा? संदीप मोदी: लगा था कि अच्छा जरूर जाएगा लेकिन इतना अच्छा! इतना प्यार! ये तो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था. पूरी टीम बहुत ज्यादा खुश है क्यों की ऐसा नहीं है कि लोगों ने सिर्फ एक किरदार को सराहा है, उन्होंने पूरी कहानी और पूरी टीम की तारीफ की है. जिन-जिन का नाम इस शो से जुड़ा है उन सब की लाइफ में एक छोटा सा प्यारा सा बदलाव आया है. जब लोगों ने 'द नाइट मैनेजर' देखना शुरू किया तब उन्हें पता चला कि इसके बाकी एपिसोड तो रिलीज ही नहीं हुए हैं. शो को दो पार्ट में क्यों बनाया? संदीप मोदी: शूटिंग के वक्त हमने सब कुछ एक साथ शूट किया था तब ऐसा नहीं सोचा था कि ऐसे रिलीज करेंगे लेकिन जब एडिट कर रहे थे तब मुझे लगा कि ये कहानी ऐसी नहीं है कि लोगों को एक ही बार में देख के खत्म कर देनी चाहिए. इसके बाद मैंने पूछा कि क्या हम इसे वीक्ली दिखा सकते हैं. अगर ये कहानी आपको एक अच्छी जगह पर रोक के रखे तो ये अच्छा है. पहले पार्ट से कितना अलग होगा ये दूसरा पार्ट? संदीप मोदी: ये कहानी एक रोलर कोस्टर राइड जैसी है. अभी ये कहानी ऊपर वाले पॉइंट पर रुकी हुई है. जितना आपने सोचा है दूसरा पार्ट उससे अच्छा होने वाला है क्यों की शान शैली की लंका में घुस गया है, तो लंका दहन तो जरूर होगा. आदित्य रॉय कपूर को ही इस रोल के लिए क्यों चुना गया कोई और क्यों नहीं? संदीप मोदी: कोई और भी कर सकता था लेकिन जिस तरह से आदित्य ने ये रोल किया है वो देख कर सब लोग कहेंगे कि इससे अच्छा और कोई नहीं है. समय और कहानी ने जिस एक्टर को चुना उस एक्टर ने बहुत ही अच्छा काम किया है. ये आदित्य का अब तक का सबसे अच्छा काम है. उन्होंने इस रोल को अपनी लाइफ के 2 साल दिए हैं. इस शो में उनके 4 लुक थे और प्रोस्थेटिक्स का इस्तेमाल नहीं किया गया है. उन्होंने जिस तरह से अपने आप को बदला वो कमाल था. आपको स्क्रीन पर आदित्य-शोभिता की केमिस्ट्री ज़्यादा अच्छी लगी या फिर अनिल जी और शोभिता की? संदीप मोदी: मैं तीसरा ऑप्शन बोलूंगा! मुझे सबसे अच्छी केमिस्ट्री अनिल कपूर और सास्वत चटर्जी की लगी. दोनों की दोस्ती कमाल की है लेकिन अगर आप दोनों कपल के बीच में चुनने को कहेंगे तो मैं नहीं चुन पाउंगा. अनिल सर ने जिस तरह से अपने आप को प्रेजेंट किया है और वो जिस तरह से रहते हैं इस बात से हम ये स्वीकार कर पाए कि अनिल जी और शोभिता भी एक कपल हो सकते हैं. आपने ब्रिटिश सीरीज 'द नाइट मैनेजर' को इंडिया में बनाने का क्यों सोचा? संदीप मोदी: इस कहानी ने मुझे चुना! मैंने 'आर्या' बनाई और इसके बाद सोचा कि आगे क्या करना है. फिर मुझे इसके लिए फोन आया. मैंने 'द नाइट मैनेजर' देखी और सबने यही कहा कि ये यूरोप का सबसे बड़ा शो है. मुझे इसे देख के समझ मे आया कि हम इसे बेहतर तरीके से बना सकते हैं. हम कभी कोई परफेक्ट चीज नहीं बना सकते जैसे कि मैं 'शोले' का रीमेक नहीं बनाऊंगा. अनिल कपूर और आदित्य रॉय कपूर को एक साथ डायरेक्ट करना कैसा था? संदीप मोदी: ये बहुत मजेदार रहा! मैंने शुरू में ही दोनों से कह दिया था कि आप दोनों राइवल्स हैं और मुझे दोनों की दोस्ती नहीं देखनी है. इसलिए वो दोनों एक दूसरे से कभी नहीं मिले. जिस दिन वो मिले वो शूटिंग का दिन था. क्या 'द नाइट मैनेजर' पार्ट 3 आएगी? संदीप मोदी: मुझे लगता है कि ये बननी चाहिए अगर हमे इतना प्यार मिल रहा है तो. ये कहानी एक बुक से ली गई है जिसे हमने पूरे सीजन में दिखा दिया. मुझे लगता है कि कहानी खत्म होती है किरदार नहीं. हमे जरूर और मौका मिलेगा. मायापुरी से जुड़ी आपकी कोई याद? संदीप मोदी: अगर आपको फिल्मी रस चाहिए तो पूरी दुनिया में सिर्फ मायापुरी का नाम ही याद आता है. जब मैं 8 साल का था और बाल कटवाने जाता था तो वहां हमेशा लम्बी लाइन लगी रहती थी और वहां बहुत सारी मायापुरी मैगजीन रखी रहती थी. तो जब मैं जाता था तो मम्मी कहा करती थी कि आज सैटरडे है आज भीड़ होगी तब मैं कहता था कि कोई नहीं! मैं वहां जा कर आधा घंटा मायापुरी पढ़ता था और मम्मी सोचती थी कि पता नहीं ये कहां चला गया. हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article