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“करण और बल्‍ली दोनों मेरी परछाईं हैं; मैं जब आईने के सामने खड़ा होता हूं, तो इन दोनों किरदारों को देख सकता हूं’’ यह कहना है ‘ज़िद्दी दिल- माने ना’ के शालीन मल्‍होत्रा का

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“करण और बल्‍ली दोनों मेरी परछाईं हैं; मैं जब आईने के सामने खड़ा होता हूं, तो इन दोनों किरदारों को देख सकता हूं’’ यह कहना है ‘ज़िद्दी दिल- माने ना’ के शालीन मल्‍होत्रा का

करण से बल्‍ली बनने का अनुभव कैसा रहा?

मुझे लगता है कि किसी भी अभिनेता के लिये दो अलग तरह के किरदार निभाना काफी खूबसूरत अनुभव होता है। आप समृद्ध, ऊर्जा से भरपूर और प्रेरित महसूस करते हैं और कुछ ऐसा होता है, जिसका आपको बेसब्री से इंतजार रहता है। मैं दर्शकों को दोनों ही किरदारों का एक वास्‍तविक अनुभव देना चाहता था। मैं चाहता था कि वे इस बात का अंदाजा लगा सकें कि बल्‍ली का अगला कदम क्‍या होने वाला है। इसलिये, मुझे इस बात का ख्‍याल रखना था कि कुछ स्थितियों में बल्‍ली की क्‍या प्रतिक्रिया होगी और कुछ हालातों में करण की प्रतिक्रिया क्‍या होगी। मैंने हर बारीकी पर ध्‍यान दिया, ताकि दोनों किरदारों को वास्‍तविक एवं विश्‍वसनीय बना सकूं।

बल्‍ली के बोलने के लहजे और व्‍यवहार को अनुकूल बनाने के लिये आपने क्‍या-क्‍या तैयारियां की?

इसके पीछे की वजह हैं मेरे माता-पिता, क्‍योंकि मैं एक पंजाबी हूं। इसके साथ ही यह बात भी कि वह ज्‍यादा तेजतर्रार है, इसलिए एक कलाकार के तौर पर, मुझे एक्‍स्‍पलोर करने और उसे दिखाने का अधिक दायरा देता है। इसलिये, मुझे हमेशा लगता है कि खलनायक एक किरदार के रूप में नायकों से ज्‍यादा मशहूर होते हैं, क्‍योंकि उनके पास क्रेजी होने की आजादी होती है। इसलिये, यदि दर्शक मुझे करण के रूप में चाहते हैं, जो ज्‍यादा चुपचाप रहले वाला किरदार है, तो मुझे यह भी निश्चित करना था कि वे बल्‍ली के किरदार को करण के किरदार की तुलना में दोगुना प्‍यार करें।

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आगामी कहानी के बारे में आपकी क्‍या राय है ?

मेरा मानना है कि यह एक महत्‍वपूर्ण कहानी है, खासतौर से इसलिये क्‍योंकि काफी लंबे समय के बाद इसे एक्‍सप्‍लोर किया जा रहा है। मैंने पहले कभी भी इस तरह दोहरी भूमिका नहीं निभाई है। यह बहुत ज्‍यादा कमर्शियल या क्लिच्‍ड नहीं है और यह कहानी का सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा बनने वाला है।

आप ज़िद्दी दिल-माने नामें एक अलग तरह का किरदार निभा रहे हैं, आपका जुड़ाव किससे ज्‍यादा है, करण से या बल्‍ली से?

वे दोनों ही मेरी परछाई हैं; मैं जब आईने के सामने खड़ा होता हूं, तो दोनों ही किरदारों को देख सकता हूं। जिस दिन मुझे दोनों में से कोई भी एक दिखाई नहीं देता, मैं एक कलाकार और उस किरदार के रूप में खुद को अधूरा महसूस करता हूं, जो मैं निभा रहा हूं।

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इस शो ने 150 एपिसोड्स पूरे कर लिये हैं। अब तक का सफर कैसा रहा है?

यह एक बेहद खूबसूरत अनुभव रहा है। कई लोगों को पता नहीं है कि यह मेरे द्वारा अब तक किसी भी शो में इतने कम समय में निभाये गये सबसे ज्‍यादा एपिसोड्स हैं। मेरा पहला शो हफ्ते में दो दिन प्रसारित होता था और हमने डेढ़ या दो साल में 150 एपिसोड्स पूरे किये थे। इसलिये, यदि मैं अभी भी शो से जुड़ा हुआ हूं, तो इसका एक ही मतलब है और वह यह कि यह शो बहुत अच्‍छा है और लोग इस पर अपना प्‍यार बरसा रहे हैं। इसमें हमेशा से कुछ नया करने को होता है और यह दुनिया में सबसे प्रेरणादायी चीज है।

देखते रहिये ज़िद्दी दिल-माने ना’, हर सोमवार से शनिवार, रात 8 बजे सिर्फ सोनी सब पर!

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