जब नरगिस को पहली बार सामने देख कुछ भी नहीं बोल पाए थे सुनील दत्त , इंटरव्यू तक करना पड़ा कैंसिल By Chhaya Sharma 24 May 2020 | एडिट 24 May 2020 22:00 IST in बीते लम्हें New Update Follow Us शेयर जब जलती आग में कूदकर सुनील दत्त ने बचाई नरगिस की जान , कुछ ऐसे हुई थी मोहब्बत की शुरुआत बॉलीवुड अभिनेता सुनील दत्त का जन्म 6 जून 1929 में पाकिस्तान में हुआ। सुनील दत्त की गिनती उन सितारों में होती है जिन्होंने सबसे पहले सरहद पर डटे फौजियों के लिए काम करना शुरू किया। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजनीति में आए सुनील दत्त को पूरे देश में प्यार मिला। दत्त साहब का निधन 25 मई 2005 को मुंबई के बांद्रा में हुआ था। तो आज हम आपको सुनील दत्त की पुण्यतिथि पर उनकी यादों के कुछ किस्से शेयर करने जा रहे हैं । पांच साल की उम्र में ही पिता की हो गई थी मृत्यु Source - Msn सुनील दत्त जब पांच साल के थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई। खुर्द झेलम में जन्मे सुनील दत्त 18 साल की उम्र में भारत-पाकिस्तान में छिड़े दंगों का भी शिकार हुए। उस वक्त सुनील दत्त को उनके दोस्त याकूब ने परिवार समेत अपने घर में पनाह देकर बचाया। वहां से सुनील दत्त का परिवार पंजाब के मंडोली गांव में आकर बसा। लखनऊ आकर उन्होंने अपने कॉलेज की पढ़ाई की शुरूआत की। फिर मुंबई जाकर सुनील दत्त ने जय हिन्द कॉलेज में दाखिला लिया और बतौर क्लर्क मुंबई की बिजली और परिवहन कंपनी बेस्ट में काम करने लगे। सुनील दत्त का असली नाम बलराज दत्त था। जब वह फिल्मों में आए तो उस वक्त बलराज साहनी मशहूर सितारे थे, इसी के चलते उन्होंने अपना नाम बदलकर सुनील दत्त कर लिया। जब नरगिस को पहली बार देखकर निशब्ध हो गए थे सुनील दत्त Source - Cinestaan सुनील दत्त की अभिनेता बनने की इच्छा मुंबई आने से पहले ही थी। लेकिन, नौकरी मिली सीलोन रेडियो में। उनकी आवाज के दीवाने लोग रेडियो के दिनों से थे लेकिन जिस शख्सियत के सुनील दत्त दीवाने थे वह थीं नरगिस। लेकिन, एक दिन ऐसा भी आया जब सुनील दत्त का सामना नरगिस से हुआ तो उनके मुंह से बोल ही नहीं फूटे। जी हां, रेडियो सीलोन को इंटरव्यू देने के लिए नरगिस ने टाइम दिया तो ये काम सुनील दत्त को ही सौंपा गया। पर इंटरव्यू शुरू हुआ तो इतनी खूबसूरत अभिनेत्री को देख वह कुछ बोल ही न सके। नरगिस की सलाह पर ये इंटरव्यू उस दिन कैंसिल कर दिया गया। पहली फिल्म 'रेलवे स्टेशन' Source - Thequint सुनील दत्त रेडियो पर फिल्मी सितारों का खास इन्टरव्यू लिया करते थे। जिसके लिए उन्हें 25 रुपये प्रति माह मिला करते थे। बतौर रेडियो अनाउंसर सुनील दत्त ने खूब नाम कमाया, पर वह एक्टिंग करने में ज्यादा रुचि रखते थे।1955 में बनी 'रेलवे स्टेशन' उनकी पहली फिल्म थी। लेकिन असली नाम और शोहरत उन्हें फिल्म 'मदर इन्डिया' ने ही दी। 1957 में रिलीज हुई 'मदर इंडिया' ने उन्हें पहचान दिलाई। इस फिल्म में वह नरगिस के बिगड़ैल बेटे बने थे, जिसे मां अपने हाथों से गोली मार देती है। जलती आग में कूद पड़े थे नरगिस के लिए Source - Cinestaan मदर इंडिया की ही शूटिंग के दौरान हुआ यूं कि एक सीन के दौरान सेट पर आग लग गई और नरगिस उसमें फंस गईं। सुनील दत्त एक हीरो की तरह आग में कूदे और नरगिस की जान बचाई। आग वाले हादसे के बाद नरगिस का नजरिया सुनील दत्त को लेकर पूरी तरह बदल गया। इसी बीच सुनील दत्त की बहन बीमार पड़ गईं। बिना सुनील दत्त को बताए नरगिस उनकी बहन को लेकर अस्पताल चली गईं और इलाज करवाया। दोनों के प्यार पर मुंबई के तमाम लोगों को एतराज था और एक अंडरवर्ल्ड डॉन ने भी इनकी शादी रुकवाने की कोशिश की थी। 20 फिल्मों में निभाया है डाकू का किरदार Source - Mig सुनील दत्त को मदर इंडिया ने स्टार बनाया और डाकुओं पर बनी फिल्मों ने सुपरस्टार। वह हिंदी सिनेमा के इकलौते ऐसे हीरो हैं जिन्होंने 20 फिल्मों में डाकू के रोल किए। सुनील दत्त की मशहूर फिल्मों में साधना (1958), सुजाता (1959), मुझे जीने दो (1963), गुमराह (1963),वक़्त (1965), खानदान (1965), पड़ोसन (1967) और हमराज़ (1967) शामिल हैं। सुनील दत्त की आखिरी फिल्म रही मुन्नाभाई एमबीबीएस थी। फिल्म यादें (1964) के लिए सुनील दत्त को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। इस पूरी फिल्म में सिर्फ सुनील दत्त ही हैं। नरगिस की एक झलक फिल्म के आखिरी सीन में मिलती है। संजय दत्त की रॉकी फिल्म से लॉन्चिंग और पत्नी का देहांत Source - Msn शादी के बाद सुनील और नरगिस को तीन बच्चे हुए। जिनके नाम प्रिया, नम्रता और संजय दत्त हैं। 1981 में सुनील दत्त ने अपने बेटे संजय को फिल्म रॉकी से लॉन्च किया।। लेकिन फिल्म की रिलीज से कुछ ही समय पहले ही नरगिस ने दुनिया को अलविदा कह दिया। सुनील दत्त ने नरगिस दत्त मैमोरियल कैंसर फाउंडेशन की स्थापना की और अपनी पत्नी की याद में हर साल अवॉर्ड भी देना शुरू किया। 2003 में आई फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस इकलौती फिल्म है जिसमें बाप बेटे (संजय दत्त) ने पहली और आखिरी बार स्क्रीन स्पेस शेयर किया। ये भी पढ़ें– क्यों ट्विटर पर स्वरा भास्कर से भिड़े अशोक पंडित ? जानिए क्या है पूरा मामला #Nargis #sanjay dutt #Sunil Dutt #Mother India #Munna Bhai MBBS #sunil dutt biography #Sunil Dutt Movies #sunil dutt or nargis #nargis love story #nargis movies #sunil dutt death #Sunil Dutt Death Anniversary #sunil dutt or nargis love story #unknown facts about sunil dutt #Yaadein हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article