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बॉलीवुड के मशहूर विलेन अमरीश पुरी के कुछ बेहतरीन डायलॉग्स, मोगैंबो खुश हुआ...

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By Chhaya Sharma
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बॉलीवुड के मशहूर विलेन अमरीश पुरी के कुछ बेहतरीन डायलॉग्स,  मोगैंबो खुश हुआ...

फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे से लेकर , मिस्टर इंडिया और दामिनी में अमरीश पुरी के यादगार बेहतरीन डायलॉग्स

बॉलीवुड के मशहूर दिवगंत अभिनेता अमरीश पुरी का जन्म 22 जून 1932 में हुआ था। अमरीश पुरी को उनकी दमदार आवाज और बेहतरीन अभिनय के लिए जाना जाता है। उन्होंने हिंदी फिल्मों के साथ-साथ कन्नड़, मलयालम, तमिल, तेलुगु, पंजाबी और हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया। अमरीश पुरी ने अपने करियर के दौरान कुल 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। साल 1987 में आई मिस्टर इंडिया में उनका किरदार 'मोगैंबो' बेहद मशहूर हुआ। इस फिल्म का फेमस डायलॉग 'मोगैंबो खुश हुआ', आज भी लोगों के जे़हन में बरकरार है। तो आइए एक नजर उनके कुछ ऐसे ही बेहतरीन डायलॉग्स पर...

फिल्म- दीवाना

डायलॉग- दुनिया की नजर में मरे हुए लोग कभी जिंदा नहीं हुए, नहीं तो जिंदगी परेशान हो जाती।

फिल्म- करण-अर्जुन

मैं तो समझता था कि दुनिया में मुझसे बड़ा कमीना और कोई नहीं है, लेकिन तुमने ऐन मौके पर ऐसा कमीनापन दिखाया कि हम तुम्हारे कमीनेपन के गुलाम हो गए हैं।

फिल्म- दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे

जा सिमरन जा जी ले अपनी जिंदगी...

फिल्म- एतराज

आदमी के पास दिमाग हो तो अपना दर्द भी बेच सकता है।

फिल्म- मिस्टर इंडिया

मोगैंबो खुश हुआ...

फिल्म - दामिनी

ये अदालत है, कोई मंदिर या दरगाह नहीं, जहां मन्नतें और मुरादें पूरी होती हैं। यहां धूप बत्ती और नारियल नहीं, बल्कि ठोस सबूत और गवाह पेश किए जाते हैं।

फिल्म- इरादा

गलती एक बार होती है, दो बार होती है, तीसरी बार इरादा होता है।

फिल्म- शहंशाह

टिप बाद में देना तो एक रिवाज़ है, पहले देना अच्छी सर्विस की गारंटी होती है।

बॉलीवुड के मशहूर विलेन अमरीश पुरी के कुछ बेहतरीन डायलॉग्स,  मोगैंबो खुश हुआ...

Source - Imbd

अभिनेता अमरीश पुरी ने हम पांच, नसीब, विधाता, हीरो, अंधा कानून, अर्ध सत्य , दामिनी और मिस्टर इंडिया जैसी फिल्मों में बतौर खलनायक ऐसी छाप छोड़ी कि फिल्म प्रेमियों के मन में उनके नाम से ही खौफ पैदा हो जाता था। अमरीश पुरी ने बॉलीवुड में सिर्फ नेगेटिव किरदार ही नहीं बल्कि उन्होंने कई फिल्मों में पॉजिटिव किरदार भी किए हैं। अमरीश पुरी आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें उनके किरदारों के रूप में आज भी हमारे साथ हैं।

और पढ़ेंः अमरीश पुरी बर्थ एनिवर्सरी / हीरो बनने के लिए छोड़ी थी सरकारी नौकरी, दमदार खलनायकी से कन्नड़, मलयालम, तमिल, तेलुगु फिल्मों में छोड़ी अमिट छाप

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