गांधी जी की पुण्यतिथि पर ये कभी न भुलाया जा सकने वाला गीत उन्हें समर्पित है By Mayapuri Desk 29 Jan 2021 | एडिट 29 Jan 2021 23:00 IST in बीते लम्हें New Update Follow Us शेयर आज मोहन दास करमचंद गांधी जी की पुण्य तिथि है। गांधी जी हमेशा से विदेशी सामान और विदेशी चलन के ख़िलाफ़ थे। वह सदैव स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग और आत्मनिर्भरता के लिए संघर्ष करते रहते थे। गांधी जी ने अंग्रेज़ी हुकूमत को बिना किसी हिंसा के भी भारत से जाने के लिए मजबूर कर दिया था। वरिष्ठ फिल्मकार मनोज कुमार जी ने अपनी बहुचर्चित फिल्म पूरब और पश्चिम में एक ऐसा गीत इस देश को दिया था जिसे सुन वेस्टर्न सभ्यताओं को सपोर्ट करने वाले और हमारे देश भारत को कमज़ोर समझने वालों के लिए आँखें खोलने का काम करता है। इस गीत के बोल पढ़िए और याद कीजिए द लेजन्ड मनोज 'भारत' कुमार को पूरब और पश्चिम का यह गीत महेंद्र कपूर ने गाया है, इंदीवर ने इसके बोल लिखे हैं और कल्याणजी आनंद जी ने इसे कम्पोज़ किया है। है प्रीत जहाँ की रीत सदा मैं गीत वहाँ के गाता हूँ Zero दिया मेरे भारत ने भारत ने, मेरे भारत ने दुनिया को तब गिनती आई तारों की भाषा भारत ने दुनिया को पहले सिखलाई देता ना दशमलव भारत तो यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था धरती और चाँद की दूरी का अंदाजा लगाना मुश्किल था सभ्यता जहाँ पहले आई सभ्यता जहाँ पहले आई पहले जन्मी है जहाँ पे कला अपना भारत वो भारत है जिसके पीछे संसार चला संसार चला और आगे बढ़ा यूँ आगे बढ़ा, बढ़ता ही गया भगवान करे ये और बढ़े बढ़ता ही रहे और फूले फले बढ़ता ही रहे और फूले फले (चुप क्यूँ हो गए? और सुनाओ) है प्रीत जहाँ की रीत सदा है प्रीत जहाँ की रीत सदा है प्रीत जहाँ की रीत सदा मैं गीत वहाँ के गाता हूँ भारत का रहनेवाला हूँ भारत की बात सुनाता हूँ है प्रीत जहाँ की रीत सदा काले गोरे का भेद नहीं हर दिल से हमारा नाता है कुछ और न आता हो हमको हमें प्यार निभाना आता है जिसे मान चूकी सारी दुनिया हो जिसे मान चुकी सारी दुनिया मैं बात... मैं बात वही दोहराता हूँ भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता हूँ है प्रीत जहाँ की रीत सदा जीते हो किसी ने देश तो क्या हमने तो दिलों को जीता है जहाँ राम अभी तक है नर में नारी में अभी तक सीता है इतने पावन हैं लोग जहाँ ओ इतने पावन हैं लोग जहाँ मैं नित-नित... मैं नीत-नीत शीश झुकाता हूँ भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता हूँ इतनी ममता नदियों को भी जहाँ माता कह के बुलाते हैं इतना आदर इंसान तो क्या पत्थर भी पूजे जाते हैं उस धरती पे मैने जनम लिया ओ उस धरती पे मैने जनम लिया ये सोंच... ये सोच के मैं इतराता हूँ भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता हूँ है प्रीत जहाँ की रीत सदा #Mahatma Gandhi #Manoj Kumar #poorab aur pashchim हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article