birthday special: kk ने आखिरी पल में गाया - ‘मेरी राहें अलविदा, मेरी सांसे अलविदा’ By Richa Mishra 23 Aug 2022 | एडिट 23 Aug 2022 11:47 IST in बीते लम्हें New Update Follow Us शेयर kk के 54 वें जन्मदिन पर आप को बताते है उनकी आखिरी पल के बारे में क्या हुआ था उनकी निधन से कुछ घंटे पहले कैसे थे. के.के के साथ उस दिन मंच साझा करने वाली कलाकार शुभलक्ष्मी ने आखिर सारी सच्चाई बता दी कि उस दिन वहां क्या हुआ था. शुभलक्ष्मी ने बतायाः- मैं भी एक गायिका हूँ और अक्सर स्टेज पर परफॉर्म करती हूँ. इस ऑडिटोरियम में मैं पहले भी दो तीन बार परफॉर्म कर चुकी हूँ. उस दिन भी केके सर के साथ मैं स्टेज साझा करने के लिए बेसब्र थी. हालांकि हमें साथ नहीं गाना था, अलग अलग टाइमिंग में गाना था, और मेरा गाना पहले हो गया था, मैं चाहती तो घर जा सकती थी, मैं एक छोटे शिशु की माँ हूँ, लेकिन केके सर का परफॉर्मेंस देखने के लिए मैं रुक गई, अंत तक. और मैं स्टेज के साथ विंग के पीछे उनका परफॉर्मेंस देख रही थी. सबसे पहले तो मैं बता दूँ कि जैसा कि बार बार कहा जा रहा है कि हॉल में जरूरत से ज्यादा दर्शक थे, तो ऐसा नहीं था! हॉल की कपैसिटी लगभग तीन हजार दर्शकों की है, और लगभग उतने ही लोग थे. हाँ, हॉल के बाहर बहुत भीड़ थी जिसे वहां के मैनेजमेंट अच्छी तरह कन्ट्रोल कर रहे थे. देखिए, ये सभी परफॉर्मर को पता होता है कि सामान्य दर्शकों की तुलना में कॉलेज फेस्टिवल के दर्शकों में बहुत ज्यादा उमंग, जोश और उत्तेजना होती है, पिछली बार भी जब मैं यहां शो करने आई थी तो इतना ही जोश और उत्तेजना था, ये यंग और एनर्जी से भरपूर दर्शक होते है और उसपर केके सर जैसे इतने लोकप्रिय और बड़ी हस्ती के आने से कॉलेज स्टूडेंट्स में उत्तेजना होना स्वाभाविक था, जिसे केके सर भी बहुत एंजॉय कर रहे थे. जहां तक ए. सी. बंद होने की अफवाह है तो मुझे तो ऐसा नहीं लगा, मैं वहीं विंग के पास से उनका परफॉर्मेंस देख रही थी, ए. सी. चल रहा था, कहीं कोई घुटन नहीं थी. अगर किसी सिंगर को साँस लेने में दिक्कत होती है तो वो इतना हाई पिच गीत, इतना लंबा खींचकर नहीं गा सकता है, पूरे शो के दौरान एक पल के लिए भी उनकी आवाज नहीं लड़खड़ाई, ना वे बेसुरे हुए, जैसा कि साँस लेने में तकलीफ होने पर अक्सर सुर बिगड़ जाता है . तो हो सकता है कि इतने सारे ऑडियंस के कारण ए. सी. की कूलिंग का एहसास कम हो रहा होगा . ये सही बात है कि केके सर को बहुत पसीना आ रहा था, वे बार-बार पानी भी पी रहे थे लेकिन इसमें हम सबको कोई आश्चर्य की बात नहीं लगी. मई का महीना, कोलकाता की जबरदस्त ऊमस और गर्मी में हम सब पसीना पसीना हो रहे थे, और सर तो परफॉर्म कर रहे थे, पूरे स्टेज में इस कोने से उस कोने तक एक के बाद एक गाना गाते हुए तेजी से चल रहे थे, नाच रहे थे, जोश वाले गाने गा रहे थे, उनका पसीना आना हम सबको स्वाभाविक लगा. हम लोग जब स्टेज में ऊंची आवाज में चलते फिरते, नाचते, गाते हैं तो हमें भी गर्मी लगती है, प्यास लगती है. कहीं से भी, रत्ती भर ये नहीं लगा कि वे अस्वस्थ है, ना उन्होंने कुछ बताया, काश उन्होने हल्का सा इशारा किया होता कि तबीयत खराब लग रही है तो मैनेजमेंट वाले तुरंत कार्यक्रम रोक देते. मैं खुद कॉलेज के छात्रों से बात करती, केके सर को आराम करने भेजकर मैं स्टेज सम्भाल लेती, लेकिन केके सर इतने महान थे कि उन्होंने अपने पर ध्यान ना देकर उन दर्शकों का अंतिम साँस तक मनोरंजन करने का फैसला किया होगा जो टिकट खरीद कर अंदर आए थे. सच कहूं तो शायद वे खुद भी समझ नहीं पा रहे थे कि उनकी तबियत बिगड़ रही है. वर्ना शायद बताते. शुभलक्ष्मी से आगे ये प्रश्न पूछा गया कि केके बता तो रहे थे कि तेज लाइट बंद करो, पसीना आ रहा है, बहुत गर्मी लग रही है, बड़ा टॉवल चाहिए, परफॉर्मेंस के बीच बीच वे स्टेज से सटे, आर्टिस्ट रूम में जाकर रेस्ट कर रहे थे? क्या ये काफी नहीं था?’ इसपर शुभलक्ष्मी बोली, हाँ ये सही बात है, लेकिन ऐसा तो हम सब भी कह रहे थे कि बहुत गर्मी है, अक्सर हम लोग भी परफॉर्म करते हुए तेज लाइट की दिशा बदलने, उसे मन्द करने या बंद करने के लिए कहते है, थकावट लगने पर बीच में थोड़ा आराम करने भी जाते है, इस सबसे ये मालूम नहीं होता कि तबियत खराब है. वे जिस जोश से गा रहे थे, उसमें तबियत की बात सपने में भी नहीं सोच सकते थे. अफवाह ये भी उठ रही है कि छात्रों ने उनके करीब पहुंचने के लिए धक्का मुक्की की, सर को परेशान किया वगैरह, जबकि ये बात बिल्कुल गलत है. सर ने नजरुल मंच पंहुचने के पहले से ही, आयोजकों को बता के रखा था कि अगर उनके आसपास भीड़ आई तो वे अपनी गाड़ी से बिल्कुल नहीं उतरेंगे और लौट जाएंगे, तो इसीलिए जब केके सर की गाड़ी ने प्रवेश किया तो आयोजकों ने भीड़ को पूरी तरह से हटा दिया था और फिर, जब वे स्टेज पर थे तो काफी सिक्योरिटी थी, किसी को भी उनके पास जाने की इजाजत नहीं थी, बात करना तो दूर की बात है, ऑडियंस और केके सर के बीच काफी फासला था. सिक्योरिटी टाइट थी. एक बार जो ऑडिटोरियम के अंदर प्रवेश कर ले उसे बिना इजाजत बाहर भी जाने नहीं दिया जाता, गेट इस तरह बंद रखा जाता है वहां. केके सर के ग्रीन रूम में भी किसी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश की इजाजत नहीं थी. क्योंकि मैं भी उसी स्टेज पर परफॉर्म कर रही थी, इसलिए जब मैंने उनसे मिलने की इजाजत मांगी तो सिर्फ मुझे अंदर जाने दिया गया. मैं जब ग्रीन रूम में गई तो सर ने हंसकर मेरा स्वागत किया, बहुत फिट और तरोताजा नजर आ रहे थे, मैंने उनका चरण स्पर्श करना चाहा तो उन्होंने मुझे पांव छूने नहीं दिया, वैसे ही आशीर्वाद दे दिया. हम लोगों ने कुछ देर बातें की, मेरा नाम शुभलक्ष्मी जानकर उन्हें लगा कि मैं भी उनकी तरह साउथ इंडियन हूँ, मैंने उन्हें बताया कि मैं बंगाली हूँ, उन्होंने मुझे, मेरे शाम के स्टेज शो के लिए शुभकामनाएं दी. उनकी बातों से, उनके चेहरे के प्रसन्न भाव से, उनकी स्फूर्ति से एक पल के लिए भी नहीं लगा कि कुछ ही घंटों के भीतर ये इंसान इस दुनिया से दूर चला जाएगा. मैं इस वक्त भी बिलीव नहीं कर पा रही हूँ कि उनसे मेरी वो मुलाकात पहली और आखिरी बन के रह जाएगी. मैंने उनसे चलते चलते एक फोटो साथ खींचने की गुजारिश की थी और वे खुशी खुशी राजी हो गए थे. वो तस्वीर उस दिन खिंची गई उनकी अंतिम तस्वीर थी, उसके बाद उन्होंने किसी के साथ एक भी तस्वीर नहीं खिंचाई. भीड़ को भगाने के लिए फायर एक्सटिंग्विशर का भरपूर उपयोग किया गया था जिसमें ब्व्2 होता है जो ऑक्सीजन सोख लेता है क्या इसलिए भी केके की तबीयत बिगड़ सकती थी ? इस प्रश्न पर भी शुभ लक्ष्मी ने सीधे-सीधे बताया, ष्वो तो हॉल से बाहर की बात है, अंदर की नहीं. अंदर कोई आपाधापी नहीं थी, सब आराम से बैठे थे, कुछ लोग एकदम पीछे खड़े थे. सर ने बीस गानों की एक लिस्ट बनाई थी, उनका अंतिम विदाई गीतष् श्हम रहे या ना रहे कल, कल याद आएंगे यह पल, पल यह है प्यार के पल, चलना मेरे संग चल, सोचे क्या छोटी सी है जिंदगी, कल मिल जाए तो होगी खुशनसीबी, ‘हम रहे या ना रहे कल, याद आएंगे यह पल’. तथा ‘मेरी राहें अलविदा, मेरी सांसे कहती हैं अलविदा’ आज सबको आश्चर्य में डाल रही है, ‘नियति ने जैसे सब जानते बूझते उनके मुँह से उनकी अंतिम विदाई गीतों को इस तरह सजाया. सोच सोच कर मैं बार बार रो पड़ती हूँ.’ जब शुभलक्ष्मी से पूछा गया कि उनके होंठ और माथे के पास चोट के निशान के बारे में उनका क्या कहना है, ‘उस बारे में मैं क्या कह सकती हूँ, जब मैं उनसे मिली, तब तक कोई चोट नहीं था. जैसा कि मुझे मालूम पड़ा कि वे अपने कमरे में चक्कर खाकर गिर गए थे, शायद उस वजह से चोट लगी होगी.’ जब शुभलक्ष्मी से पूछा गया कि, वहां के लोकल कलाकारों को, कोलकाता में परफॉर्म करने के लिए बाहर से कलाकार बुलाए जाने पर बहुत आपत्ति थी, उनके पोस्टर फाड़ दिए गए, क्या से सब सही था? इसपर शुभलक्ष्मी का कहना है,ष्यह सब बातें बहुत बुरी और दुखदाई है, यहां सबको काफी काम मिल जाता है, फिर क्यों ईर्ष्या करना? केके सर के निधन के बाद ये बातें उजागर हुई. ‘केके को लेकर शुभलक्ष्मी की बातें टीवी के विभिन्न चैनल्स पर प्रसारित हुई थी, तब जाके वहां घटनास्थल का सही खाका खिंच पाया और डॉक्टर्स ने भी पोस्टमार्टम के पश्चात कह दिया कि उनके हार्ट के लेफ्ट मेन कोरोनरी आर्टरी में अस्सी प्रतिशत ब्लॉकेज था, साथ ही अन्य कई धमनियों में भी छोटे छोटे ब्लोकेज थे, उनके फेफड़े भी कमजोर थे. लगभग तीन घन्टे तक तेजी से चलते, नाचते हुए लगातार गाने और उत्तेजना की वजह से अचानक उनका ब्लड फ्लो रुक गया और वे गिर कर बेहोश हो गए और फिर उन्हें हार्ट अटैक आ गया. उसी वक्त अगर उन्हें सीपीआर फर्स्ट एड मिल जाता तो वे बच सकते थे. बताया जा रहा है कि उन्हें काफी समय से पेट के उपरी हिस्से में, छाती के पास हल्का दर्द होता था, जिसे वे एसिडिटी समझ कर एंटा एसिड गोलियां खाते रहते थे. उनके ऑटॉप्सी रिपोर्ट के मुताबिक उनके पेट में एंटा एसिड पाया गया. रिपोर्ट के अनुसार, इस मृत्यु में कुछ संदिग्ध नहीं है, यह, नैचुरल मैसिव हार्ट अटैक केस है. इस रिपोर्ट के बावजूद भी कुछ विरोधी पक्ष केके की मौत का सीबीआई जाँच की मांग कर रहे हैं. मृत्यु चाहे नैचुरल हो लेकिन फिर भी एक सवाल तो रह जाता है कि इतने नामी गिरामी विशाल, पुराने नजरूल मंच (जहां बरसों से रंगारंग कार्यक्रम रखा जाता रहा है) , वहां हमेशा एक ऐंबुलेंस, एक डॉक्टर क्यों नहीं मौजूद रखा जाता, क्यों केके ने खुद एम्बुलेंस को फोन करके बुलाने के बावजूद वो तुरंत नहीं आया. केके ने स्टेज पर लाइट ऑफ करने की गुजारिश के साथ साथ कहा था कि उनकी तबियत ठीक नहीं लग रही, फिर उनकी बातों को गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया? अगर सब बंदोबस्त चाक चैबंद होता तो हम इस महान वर्सटाइल संगीत शिल्पी को नहीं खो देते जिन्होंने नब्बे की दशक से लेकर 31 मई 2022 तक हमें अपने गीतों से एंटरटेन किया. कृष्णकुमार कुन्नथ, यानी हमारे प्रिय केके (जन्म 23 अगस्त 1968) केरल से थे , दिल्ली के किरोरीमल कॉलेज से ग्रेजुएट हुए. गाने के रसिया केके किशोर कुमार के फैन थे, उन्होंने कहीं से संगीत की शिक्षा नहीं ली और कहा कि किशोर कुमार ने भी तो बिना संगीत शिक्षा के विश्वप्रसिद्ध हुए. बॉलीवुड के संगीत जगत में कदम रखने से पहले उन्होंने 3500 जिंगल्स गाए. 1991 में ही उन्होंने अपनी बरसों की प्रेमिका ज्योति से शादी कर ली थी . बॉलीवुड में स्ट्रगल के दौरान उन्होंने मार्केटिंग एग्जेक्युटिव के रूप में काम किया लेकिन उनका मन इस काम में नहीं लगता था तब पत्नी ने उन्हें वो नौकरी छोड़ कर बॉलीवुड संगीत जगत में ध्यान लगाने के लिए बहुत सपोर्ट किया. मशहूर संगीत शिल्पी के. हरिहरन ने उन्हें खूब उत्साहित किया परंतु पहला जिंगल गाने का मौका उन्हें लेस्ली लेविस ने दिया था जिस वजह से केके उन्हें अपना मेंटर मानते थे. थोड़े स्ट्रगल के बाद उन्हें ‘छोड़ आए हम वो गलियाँ’ फिल्म ‘माचिस’ में आंशिक रूप से गाने का मौका मिला. पहला फुल फ्लेज्ड बॉलीवुड फिल्म सॉन्ग ‘तड़प तड़प के इस दिल से’ का अवसर मिलते ही, उन्होंने फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा, उन्होंने अपने खुद के कई म्युजिक अल्बम भी बनाए जैसे, ‘आप की दुआ, हमसफर, पल, यारों, जो सुपर हिट हुए. ‘तड़प तड़प के इस दिल’ के अलावा उनके गाए अन्य फिल्मी गीत है,, ‘अप्पडी पोडू,’ ‘डोला रे डोला’,‘क्या मुझे प्यार है’,‘वह लम्हे’, ‘आंखों में तेरी अजब सी अदाएं है’, ‘खुदा जाने’,‘पिया आए ना’, ‘मत आजमा रे’ ‘इंडिया वाले’, ‘तू जो मिला’,‘यारों दोस्ती’, ‘दस बहाने करके ले गया दिल’, ‘कोई कहे कहता रहे’, ‘जिंदगी दो पल की’,‘स्ट्रॉबेरी कन्ने’, ‘तुझे सोचता हूँ’, ‘दिल क्यों यह मेरा दिल’,‘लबों को लबों पे’,‘आजकल सांसों के रईस’, ‘यह हौसले’,‘शुक्रिया’,‘तूने मारी एंट्रियां दिल में बजी घंटिया, टन टन टन’, ‘तन्हा’,‘सांसे तेरी देश है’,‘कल की ही बात, है’, ‘तुम ना आए’, ‘पहले के जैसा’, ‘तेरा मेरा रिश्ता’, ‘मैं अगर’, ‘वह मेरी जान’, ‘आफरीन’,‘जीतने के लिए’, ‘तु भूला जिसे’ आदि गाने गए जो आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ हैं. #bollywood latest news in hindi #bollywood latest news in hindi mayapuri #latest news in hindi #bollywood latest news update #kk #KK singer #Krishan Kumar #birthday special kk हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article