खलनायकी को नए अंदाज़ में परिभाषित करने वाला नायाब सितारा By Mayapuri Desk 16 May 2021 | एडिट 16 May 2021 22:00 IST in एंटरटेनमेंट New Update Follow Us शेयर 1982 में निर्माता रोमू एन सिप्पी द्वारा निर्मित और राज एन सिप्पी द्वारा निर्देशित फिल्म 'सत्ते पे सत्ता' जिसने भी देखी होगी उसे सात भाइयों की भीड़ में एक भाई के कैरेक्टर को स्क्रीन पर जीवंत किया था अभिनेता सुधीर ने। अमिताभ बच्चन हेमा मालिनी स्टारर इस फिल्म की सफलता से सुधीर के फिल्मी कैरियर को एक नई दिशा मिली। अभिनेता सुधीर का असली नाम भगवान दास लूथरा था। वैसे तो सुधीर 60 के दशक में ही हिंदी फिल्म जगत से जुड़ गए थे। उनकी पहली प्रदर्शित फिल्म 'प्रेम पत्र'(1962) थी जिसमे उन्होंने साधना और शशि कपूर के साथ काम किया था। 'हकीकत'(1964), 'अपना घर अपनी कहानी'(प्यास-1968), 'एक फूल दो माली'(1969), 'मेरा गाँव मेरा देश'(1971), 'हरे रामा हरे कृष्णा'(1971), 'मजबूर'(1975), 'खोटे सिक्के'(1974), 'धर्मात्मा'(1975), 'दीवार'(1975), 'दोस्ताना'(1980), 'शान'(1980), 'कालिया'(1981), 'कच्चे हीरे'(1982), 'सत्ते पे सत्ता'(1982), 'शराबी'(1984), 'मेरी जंग'(1985), 'लाल बादशाह'(1999) और ' बादशाह'(1999) उनकी उल्लेखनीय फिल्में हैं। अभिनेता सुधीर की अंतिम फिल्मों में 'झूम बराबर झूम शराबी'(2007) एवं 'विक्टोरिया हाउस'(2009) के नाम शुमार हैं। टीवी धारावाहिक 'सी आई डी' के कई एपिसोड में भी अभिनेता सुधीर नज़र आये थे। 1962 से लेकर 2009 के बीच लगभग 200 फिल्मों में अभिनेता सुधीर ने काम किया था। 1944 में जन्मे अभिनेता सुधीर का निधन फेफड़ों में संक्रमण हो जाने की वजह से 12 मई 2014 को मुम्बई में इलाज़ के क्रम में हुआ था। खलनायक के नकारात्मक छवि को स्क्रीन पर नए अंदाज़ में पेश करने की दिशा में अग्रसर रहते हुए अभिनेता सुधीर ने स्क्रीन पर हर तरह के क़िरदार को जीवंत किया और अपने फिल्मी सफर में कामयाब रहे। आज अभिनेता सुधीर नहीं हैं लेकिन उनकी फिल्में सिनेप्रेमियों को उनकी याद युगों युगों तक दिलाती रहेंगीं। प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय #Cinema #Villian हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article