सोशल मीडिया ने ही मराठी भाषी सिनेमा का परिदृश्य बदला- रवि जाधव By Mayapuri Desk 06 Aug 2021 | एडिट 06 Aug 2021 22:00 IST in एंटरटेनमेंट New Update Follow Us शेयर विज्ञापन जगत की बहुत बड़ी नौकरी छोड़कर रवि जाधव ने जब पहली बार 2010 में महाराष्ट् की लुप्त कला ‘लावणी’ और ‘तमाषा’ के कला फार्म को अपनी मराठी भाषा की फिल्म ‘नटरंग’ की विषयवस्तु बनायी थी, उस वक्त तमाम लोगों की राय थी कि रवि जाधव अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं और फिल्म ‘‘नटंरग” बाक्स आफिस पर पानी भी नहीं मानेगी। मगर जब यह फिल्म प्रदर्षित हुई, तो इसने बाक्स आफिस पर सफलता बटोरी, राष्ट्रीय पुरस्कार बटोरे और पुरे मराठी सिनेमा का परिदृष्य तक बदल दिया। इतना ही नहीं उसके बाद रवि जाधव ने एक लघु फिल्म ‘मित्र’ सहित ‘बालक पालक, ‘बाल गंधर्व, ‘टाइमपास’ जैसी पांच मराठी भाषा की फिल्में निर्देषित की,इन सभी फिलमाने ने भी राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय व अन्य पुरस्कार बटोरे। यहां तक कि 2014 में प्रदर्षित रवि जाधव की मराठी भाषा की फिल्म ‘टाइम पास’ पहली मराठी फिल्म थी,जिसने बाक्स आफिस पर पैंतिस करोड़ रूपए कमाए थे। रवि जाधव ने हिंदी फिल्म ‘बैंजो’ का लेखन व निर्देषन किया था। इन दिनों वह फिल्म ‘छत्रपति षिवाजी’ का निर्देषन कर रहे है। रवि जाधव सोषल मीडिया के पक्ष में पूरी मुखरता के साथ बात करते हुए कहते हैं-‘‘मैने तो अपनी मराठी भाषा की फिल्म ‘नटरंग’ के समय में सोषल मीडिया का उपयोग किया था। लोगों ने मुझसे पूछा था कि आप सोषल मीडिया पर अपनी खुद की तारीफ क्यों कर रहे हो?पर मैंने सोषल मीडिया पर काफी बात की थी। ‘नटरंग’ ने उस जमाने में जो व्यापार किया था, वह लोगों की आँखे खोलने वाला था.उसके बाद से लोग ज्यादा सोषल मीडिया से जुड़ रहे हैं।मराठी सिनेमा के बदलाव में सोषल मीडिया ने भी अहम भूमिका निभायी है। आपको क्यों लगता है कि सोषल मीडिया की वजह से मराठी सिनेमा में बदलाव आया? हमारे इस सवाल पर रवि जाधव ने कहा- “फिल्म की मार्केटिंग बहुत खर्चीला है। मराठी सिनेमा साठ से अस्सी लाख में बनता रहा है। अब दो करोड़ तक में बन रहा है। फिल्म का निर्माण करने के बाद तमाम मराठी निर्माताआं के पास मार्केटिंग के लिए पैसा नही होता। जबकि सोषल मीडिया पर पैसा नहीं खर्च होता।मैं 2010 से चिल्ला रहा हूँ कि यदि आप सोषल मीडिया का उपयोग समझदारी से करेंगे, तो यह फायदा देगा.आने वाले समय में यह प्रचार का हथियार बनने वाला है। अब सोषल मीडिया पर ज्यादा कमेंट्स और लाइक्स मिलने लगे हैं। अब तो लोग अपनी फिल्म का टेलर, प्रोमो वगैरह भी सोषल मीडिया पर लांच करने लगे हैं। यह बढ़ना ही है। हाँ! सोषल मीडिया की कमी यह है कि एक ही सोषल मीडिया का उपयोग करते करते इंसान दो साल में थक जाता है। वह दूसरी तरफ मुड़ जाता है। पहले आर्कुट था, फिर फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम आ गए। सोषल मीडिया से बाक्स आफिस पर प्रभाव पड़ेगा, यह मानना गलत है। फिल्म का प्रचार तो आपको हर माध्यम में करना पड़ेगा।” #Ravi Jadhav #film tamasha #'Bal Gandharva' #'Timepass' #Balak Palak #tamasha हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article