नई फिल्मों के प्रदर्शन न होने तक बंद रहेंगे गोवा के सिनेमाघर By Mayapuri Desk 17 Oct 2020 | एडिट 17 Oct 2020 22:00 IST in एंटरटेनमेंट New Update Follow Us शेयर -शान्तिस्वरुप त्रिपाठी कोरोना महामारी के चलते 15 मार्च से देश के सभी मल्टीप्लैक्स और सिंगल थिएटर बंद चल रहे हैं। 30 सितंबर को केंद्र सरकार ने ‘‘अनलॉक 5’’ के तहत कुछ दिषा निर्देषों के साथ देश के सभी मल्टीप्लैक्स व सिंगल थिएटर को 15 अक्टूबर से खोलने की अनुमति दी, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय राज्य सरकारों को लेना था। पूर्वोत्तर राज्यों की सरकारें मौन हैं, इसलिए पूर्वोत्तर राज्यों में 15 अक्टूबर को सिनेमाघर नहीं खुले। महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश व कर्नाटक की सरकारों ने सिनेमाघर खोलने की अनुमति ही नहीं दी। जबकि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के ऐलान के बावजूद गोवा में 15 अक्टूबर को सिनेमाघर नहीं खुले। मध्यप्रदेश मे केवल तीन मल्टीप्लैक्स व दो सिंगल थिएटर ही खुले, इसके पीछे बॉलीवुड की अति आंतरिक कलह व अंतर्विरोध भी है। गोवा के सिनेमाघर क्यों नहीं खुले? हमारे देष की सरकारें जिस तरह से काम करती हैं, उससे यही समझ में आता है कि उन्हे कला व सिनेमा की कोई समझ ही नहीं है। मल्टीप्लैक्स व सिंगल थिएटर खोलने की इजाजत देने से पहले केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री को इस बात पर गौर करना चाहिए था कि यह सिनेमाघर किस तरह से काम करेंगें? क्या इनके पास दर्शकों को सिनेमाघर के अंदर लाने के लिए फिल्में हैं? पर इस तरफ सरकार ने ध्यान नहीं दिया। सरकारें तो तुगलकी फरमान जारी करतीं हैं। एक सिंगल थिएटर या मल्टीप्लैक्स के अंदर पचास प्रतिशत दर्शक, अधिकतम दो सौ दर्शकों के प्रवेश की अनुमति है। मगर थिएटर मालिकों का मानना है कि यह उनके व्यावसायिक हित में नहीं है। वास्तव में सरकार यह भूल गयी कि सिनेमाघर दुकान या फैक्टरी नहीं है। मल्टीप्लैक्स या सिंगल थिएटर के अंदर एक दर्षक हो या सौ या हजार दर्षक हों, सिनेमाघर मालिक का खर्च उतना ही होना है। ऐसे हालात में सिनेमाघर के अंदर जितने कम दर्षक होंगे, सिनेमाघर मालिक को उतना ही अधिक नुकसान होगा। अब जो फिल्में पहले प्रदर्शित हो चुकी हैं अथवा जो फिल्में ओटीटी प्लेटफार्म पर आ चुकी है, उन्हे देखने के लिए दर्शक सिनेमाघर के अंदर पैसे देकर ‘कोरोना’ की रिस्क लेकर देखने से तो आने से रहा। माना कि संकट की इस घड़ी में ‘यशराज फिल्मस’ और ‘रिलायंस इंटरटेनमेंट’ ने जरुर सहयोगात्मक रवैया अपनाते हुए अपनी फिल्मों को कुछ समय तक मुफ्त में प्रदर्शित करने की इजाजत दी है। यानी कि इनकी फिल्में मल्टीप्लैक्स या सिंगल थिएटर प्रदर्शित करता है, तो कुछ समय के लिए जो भी कमाई होगी, उसमें ‘यशराज फिल्मस’ और ‘रिलायंस इंटरटनमेंट’ अपना हिस्सा नही मांगेंगी। पर फिर अहम सवाल यही है कि क्या दर्शकपुरानी फिल्म देखना चाहेगा? जी नहीं...दर्शक पैसे देकर सिनेमाघर के अंदर नई फिल्म ही देखना चाहेगा, पर आज 15 अक्टूबर को किसी भी मल्टीप्लैक्स या सिनेमाघर के पास एक भी नई फिल्म नहीं है। इसी वजह से गोवा के मल्टीप्लैक्स व सिंगल थिएटर मालिकों ने फिलहाल सिनेमाघर न खोलने का ऐलान कर दिया है। गोवा में 40 स्क्रीन हैं, जिसमें आईनॉक्स लीजर लिमिटेड द्वारा संचालित पणजी का ‘आयनॉक्स’ मल्टीप्लैक्स का स्वामित्व ‘‘इंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा (ईएसजी) के पास है। यॅूं तो गोवा सरकार ने केंद्र सरकार के दिषा निर्देशों के साथ गुरुवार, 15 अक्टूबर से सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति दी है, मगर गोवा राज्य के थिएटर मालिकों ने कहा है कि नई फिल्मों के रिलीज होने तक वह सिनेमाघरो में तालाबंदी जारी रखेंगे। गोवा के भाजपा विधायक और ऑल गोवा थिएटर ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण जी कहा कि,‘‘ फिल्मों को एक ही समय पर देश भर में रिलीज किया जाता है। अन्य राज्यों में सिनेमाघरों को बंद रहने से वितरकों को इस मौके पर फिल्में रिलीज करने में मदद नहीं मिलती है। जब महाराष्ट्र सरकार सहित कई राज्यों के सिनेमाघर नहीं खुल रहे है और हमारे पास प्रदर्षित करने के लिए नई फिल्में नहीं है। ऐसे में हम सभी ने सिनेमाघर बंद रखने का ही निर्णय लिया है।’’ मध्य प्रदेश में भी कुछ सिनेमाघर ही खुले केंद्र सरकार द्वारा सिनेमाघरों को फिर से खोलने की अनुमति देने के साथ मध्य प्रदेश के कुछ सिनेमाघर गुरुवार से खुल गए, मगर इनके मालिकों का कहना है कि व्यवसाय को पटरी पर लाने में समय लगेगा। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में केवल एक मल्टीरप्लैक्स ही खुला। भोपाल सिने ओनर्स एसोसिएशंस के सचिव ऐजाजुद्दीन ने खुद कहा है-‘‘भोपाल शहर में एक मल्टीप्लेक्स को छोड़कर, दर्शकों और नई फिल्मों की अनुपलब्धता के कारण 15 अक्टूबर को राज्य की राजधानी में कोई अन्य सिनेमा घर फिर से नहीं खुलेगा।‘‘ ऐजाजुद्दी ने आगे कहा है-‘‘“इस अवधि के दौरान कोई भी निर्माता अपनी फिल्म को रिलीज करने का जोखिम नहीं उठाएगा। इसलिए हमें पुरानी फिल्मों से शुरुआत करनी होगी, जिसके लिए दर्शक उपलब्ध नहीं होंगे। हमने सरकार से मांग की है कि पिछले छह माह के हमारे बिजली के बिलों को माफ कर दिया जाए और संपत्ति कर में 50 फीसदी की कमी की जाए, लेकिन अभी तक थिएटर मालिकों को कोई राहत नहीं दी गई है।‘‘ मध्यप्रदेष के इंदौर शहर में छह सिंगल थिएटर और मल्टीप्लैक्स में चालिस स्क्रीन हैं। मगर गुरूवार, 15 अक्टूबर से केवल दो मल्टीप्लैक्स व दो सिंगल थिएटर ही खुले. इंदौर में, केंद्रीय सर्किट सिने संघों (एक वितरक निकाय) के निदेशक ओ पी गोयल ने कहा है- ‘‘हालांकि सिनेमा हॉल लंबे अंतराल के बाद फिर से खुल रहे हैं, लेकिन यह पता लगाना मुश्किल है कि कितने दर्शक सिनेमाघरों में आएंग। इन सिनेमाघरों में पुरानी हिट फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा, क्योंकि वर्तमान में बड़े सितारों की नई फिल्में रिलीज नहीं हो रही हैं।’’ उधर इंदौर में सिंगल स्क्रीन थिएटर के मालिक आदर्श रामलाल यादव ने कहा है -‘‘सिनेमा हॉल को फिर से खोलने की अनुमति देने के सरकार के फैसले से उन्हें छह महीने के बाद धीमी गति से अपने व्यवसाय को फिर से शुरू करने का मौका मिलेगा। निर्माता किसी भी नई फिल्मों को जारी नहीं कर रहे हैं, हमें पुरानी फिल्मों की स्क्रीनिंग करनी होगी, जो भीड़ को आकर्षित नहीं करेंगी। हमने यह भी मांग की है कि बंद होने की अवधि के लिए हमारी बिजली का बकाया माफ कर दिया जाए, और संपत्ति कर में 50 प्रतिशत की छूट दी जाए।” पूर्वोत्तर राज्यों में नहीं खुले सिनेमाघर केंद्र सरकार के आदेषों के बावजूद राज्य सरकारों की खामोषी के चलते पूर्वोत्तर राज्य क सिनेमाघर 15 अक्टूबर को नही खुले। ज्ञातब्य है कि मणिपुर को छोड़कर सभी पूर्वोत्तर राज्यों में मल्टीप्लेक्स सहित वाणिज्यिक सिनेमा हॉल है। सिनेमा मालिकांे ने अपने क्षेत्र के सिनेमा प्रेमियों से साफ साफ कह दिया है कि उन्हें अभी कुछ दिन और इंतजार करना होगा। पूर्वोत्तर के सबसे बड़े फिल्म वितरक गोयनका एंटरप्राइजेज ” के सिद्धार्थ गोयनका ने समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा से कहा-“हमें हॉल खोलने के लिए सरकार से कोई सूचना या पुष्टि नहीं मिली है.हमें कहीं से भी कोई कार्यक्रम नहीं मिला है। इसी वजह से गुरुवार 15 अक्टूबर को पूरे क्षेत्र में कहीं भी सिनेमाघर नहीं खुलेंग। #सिनेमाघर हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article