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बर्थडे स्पेशल: अमोल पालेकर की बेहतरीन फिल्मों ने जीता आम आदमी का दिल

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By Mayapuri
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बर्थडे स्पेशल: अमोल पालेकर की बेहतरीन फिल्मों ने जीता आम आदमी का दिल

70 के दशक में हिंदी फिल्मों के बेहतरीन कलाकार, जिन्होंने अपनी फिल्मों में हमेशा आम आदमी का किरदार निभाकर दर्शकों का दिल जीता है। या फिर ऐसे भी कहा जा सकता है अमोल पालेकर मिडिल क्लास के हीरो रहे हैं। उस दौर में उनकी गिनती एक सुपरस्टार की तरह होती थी। आज उनका का जन्मदिन है। इस साल वो अपना 79 वां जन्मदिन मना रहे हैं।

अमोल की फिल्मों  की कहानियां उस ज़माने की ज्यादातर फिल्मों से हटकर और मध्यमवर्गीय परिवार से जुड़ी कहानी पर आधारित होती थी। अमोल पालेकर के अभिनय में एक नई ताजगी, सादापन और वास्तविकता नज़र आती थी, इसीलिए उनकी  फिल्में जैसे- ‘गोलमाल’, ‘बातों-बातों’ में जैसी फिल्में आज भी लोगों को पसंद आती हैं।

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- जहाँ सभी बड़े हीरो की फिल्में उनके नाम से ही हिट हो जाया करती थीं, वहीं, अमोल की फिल्में अपनी अलग कहानी, एक्टिंग और निर्देशन के लिए जानी जाती थी। अमोल Art और क्रिएटिव सिनेमा बनाने वाले डायरेक्टर्स जैसे कि हृषिकेश मुखर्जी, बासु चटर्जी  आदि की पहली पसंद होते थे।

- अमोल हमेशा से हीरो नहीं बनना चाहते थे। उनका पहला प्यार तो पेंटिंग्स बनाना था। अमोल पालेकर ने  Sir JJ School of Arts, Mumbai से फाइन आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया था और उनकी पेंटिंग्स की 7 से अधिक प्रदर्शनियाँ भी हुई थी। इतना ही नहीं, अमोल बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी भी कर चुके हैं।

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- इसी दौरान उनका रुझान थिएटर की तरफ हुआ और वह प्रसिद्ध रंगकर्मी सत्यदेव दुबे के निर्देशन में  मराठी नाटकों में अभिनय करने लगे। बॉलीवुड में उनकी पहली फिल्म ‘रजनीगंधा’ सन 1974 में आई। सन 1979 में अमोल पालेकर की फिल्म ‘गोलमाल’ रिलीज़ हुई जिसने रिकॉर्ड सफलता हासिल की।

आपको बता दें, कि यूट्यूब पर आप अमोल पालेकर की कुछ चुनिन्दा और बेहतरीन फिल्में मुफ्त में देख सकते हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि यूट्यूब पर अमोल पालेकर की वो कौन सी फिल्में हैं, जो आप कभी भी मुफ्त में देख सकते हैं...

1- गोलमाल

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रामप्रसाद (अमोल पालेकर) एक ग्रेजुएट है जोकि नौकरी पाने के लिए अपने बॉस भवानी शंकर (उत्पल दत्त) से बहुत से झूठ बोलता है। इनमे से एक झूठ यह होता है कि उसका एक जुड़वाँ भाई भी है, इससे कई हास्यास्पद परिस्थियाँ पैदा हो जाती है। गोलमाल बॉलीवुड की सबसे सफल कॉमेडी फिल्म्स में गिनी जाती है।

2- छोटी सी बात

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मुंबई में एक अकाउंटेंट अरुण (अमोल पालेकर ) शर्मीला और सीधा-साधा सा लड़का है जोकि प्रभा (विद्या सिन्हा) नाम की लडकी से प्यार करता है और उसके ही सपने बुनता रहता है। इनकी प्रेमकहानी के बीच नागेश (असरानी) आ जाता है जोकि बड़ा तेज-तर्रार है और प्रभा का सहकर्मी है।

निराश, हताश अरुण कर्नल नागेन्द्रनाथ (अशोक कुमार ) से अपने प्यार को जीतने के लिए ट्रेनिंग लेने जाता है और वापस आकर वह किस प्रकार परिस्थितियों को बदलता है, देखिये फिल्म में। छोटी सी बात बड़ी मनोरंजक और प्रेरणादायी फिल्म है जिसे आप बार-बार देखना पसंद करेंगे।

3- बातों बातों में

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टोनी (अमोल पालेकर )और नैंसी ( टीना मुनीम ) की अक्सर ऑफिस आते-जाते मुलाकात होती रहती है और धीरे धीरे वो एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। प्यार में छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा होता ही है पर जब टोनी शादी के लिए मना कर देता है तो नैंसी की माँ उसके लिए अन्यत्र रिश्ते देखने लगती है। फिल्म देखिये और जानिए कि कैसे दोनों दिल एक हो पाते हैं।

4- रजनीगंधा

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दिल्ली में रहने वाली दीपा (विद्या सिन्हा ) संजय से प्रेम करती है और दोनों की शादी होने वाली है। संजय (अमोल पालेकर ) एक हंसमुख, मस्त, बेफिक्र टाइप का लड़का है जोकि पर बड़ा लापरवाह भी है। एक इंटरव्यू के सिलसिले में दीपा को मुंबई जाना पड़ता है जहाँ उसकी मुलाकात नवीन (दिनेश ठाकुर ) से होती है।

नवीन और दीपा कॉलेज के दिनों में एक दूसरे से प्रेम करते थे पर झगड़े और मनमुटाव की वजह से अलग हो जाते हैं। नवीन काफी बदल चुका है और स्वभाव में संजय से एकदम अलग जिम्मेदार, गंभीर  है। मुंबई में रहने के दौरान वह दीपा की काफी मदद करता है और उसका काफी ख्याल रखता है। इस सब से दीपा नवीन की ओर पुनः आकर्षित होने लगती है।

दीपा ने अंत में संजय और नवीन में किसे चुना, यह तो आप फिल्म देख के जानिए। रजनीगंधा फिल्म को सन 1975 में बेस्ट फिल्म का फिल्मफेयर अवार्ड मिला था।

5- रंग-बिरंगी

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हिंदी के प्रसिद्ध लेखक कमलेश्वर की एक कहानी पर आधारित इस फिल्म के डायरेक्टर थे हृषिकेश मुख़र्जी। अजय शर्मा (अमोल पालेकर ) एक सफल उद्यमी है , पर वह हमेशा काम में खोया रहता है और अपनी पत्नी निर्मला (परवीन बाबी ) पर ध्यान नहीं दे पाता है। अजय का दोस्त (देवेन वर्मा ) निर्मला का अकेलापन नोटिस करता है और वह अजय और निर्मला के बीच खोये हुए प्यार को जगाने के लिए एक मजेदार प्लान बनाता है। फिल्म के अन्य मुख्य पात्र हैं, अजय की सेक्रेटरी (दीप्ति नवल ) और उसका बॉयफ्रेंड (फारूख शेख़)।

6- नरम-गरम

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गाँव में रहने वाली कुसुम (स्वरुप संपत) और रामप्रसाद (अमोल पालेकर ) एक दूसरे से प्यार करते हैं पर कुसम के चाहने वालों में गजानन बाबू और बबुआ (शत्रुघ्न सिन्हा ) भी है। कहानी का हीरो ‘रामप्रसाद’ किस प्रकार लाख मुश्किलों के बावजूद अपनी प्रेमिका को पाने में सफल होता है, देखिये फिल्म में। हृषिकेश मुख़र्जी की इस फिल्म के अन्य कलाकार थे, ए. के. हंगल और उत्पल दत्त।

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