मूवी रिव्यु खेलों के शौकीन दर्शकों के लिये विजेता (मराठी) By Shyam Sharma 12 Mar 2020 | एडिट 12 Mar 2020 23:00 IST in बॉक्स ऑफ़िस New Update Follow Us शेयर रेटिंग*** सुभाष घई प्रेजेन्ट निर्देशक अमोल शेतगे की मराठी फिल्म ‘विजेता’ देखते हुये शिद्दत से फिल्म ‘चक दे इंडिया’ की याद आती है, क्योंकि कहीं न कहीं कहानी उसी से प्रेरित जान पड़ती है। कहानी कहानी के अनुसार नेशनल गेम प्रत्योगिता में माइंड कोच अपनी स्टेट की टीम को विजेता बनाना चाहता है। इसके लिये वो अनुशासन, जुनून और मेहनत के बल पर कामयाब भी होकर दिखाता है, लेकिन उसके इस सफर में उसे काफी कुछ झेलना पड़ता है जैसे खेलों में होने वाली पॉलिटिक्स, खिलाड़ियों की महत्वकांक्षा इत्यादि। अवलोकन, अभिनय फिल्म राष्ट्रीय खेलों पर आधारित है, जहां टीम का कोच चाहता है, कि वो अपने स्टेट की टीम को विजेता बनाये। ऐसा ही कुछ शाहरूख खान की फिल्म ‘ चक दे इंडिया’ का विषय भी था, जंहा उसे खेलों में होने वाली राजनीति का शिकार होना पड़ता है। उसके बाद खिलाड़ियों की महत्वाकांक्षाओं तक से उसे जूझना पड़ता है । यहां भी तकरीबन वैसा ही दिखाया गया है। फिल्म अपनी सामान्य गति से चलती है लेकिन कहीं भी शिथिल नहीं होती। फिल्म के खिलाड़ी बने कलाकारों ने सजीव अभिनय किया है जैसे मांइड कोच के किरदार में सुबोध भावे बेहद प्रभावशाली लगे तथा खिलाड़ियों के तौर पर मानसी कुलकर्णी, सुशांत शेलार, पूजा सांवत, प्रितम कंगने, माधव डायचुके, गिरीश शिपुरकर, देवेन्द्र चैगल, तन्वी किशोर, दीप्ती धोतरे तथा कु्रतिका तुलसकर आदि कलाकार शुरू से अंत तक पेशेवर खिलाड़ी होने का एहसास करवाते रहे। क्यों देखें खेलों के शौकीन दर्शकों के लिये। और पढ़े: क्या ट्विटर ने शराब पीकर ट्वीट ना करने की सलाह अनुराग कश्यप को दी है? #movie #Vijet Review हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article