मोंहब्बत को कभी हारने नहीं देना, तब्बू अगर तुम्हारी मोहब्बत सच्ची है! तो मोहब्बत लौट के तुम्हारे पास आएगी- अली पीटर जॉन By Mayapuri Desk 19 Jul 2021 in अली पीटर जॉन New Update Follow Us शेयर हाँ, ईश्वर महान है, ईश्वर दयालु है और सभी को प्यार करने वाला है, लेकिन ईश्वर बहुत चतुर भी है। उन्होंने किसी, भी मनुष्य को सर्वगुण संपन्न होने का आशीर्वाद नहीं दिया है, क्योंकि मुझे विश्वास है कि उनका मानना है कि यदि मनुष्य को सब कुछ प्राप्त हो जाए तो वह अभिमानी हो सकता है और यहाँ तक कि उसके लिए खतरा भी बन सकता है। मुझे इस सच्चाई का एहसास तब हुआ जब मेरी माँ ने एक बार मुझसे कहा, ‘ये तो भगवान का शुक्र है कि भगवान ने तुमको शारीरिक रूप से कमजोर बना दिया है, नहीं तो पता नहीं तुम क्या करते‘! यहाँ तक कि महान दिलीप कुमार को भी उन्होनें सभी बेहतरीन गुणों नवाजते हुए भी सर्वगुण संपन्न नहीं बनाया था। वह एक महान इंसान और एक महान अभिनेता थे, लेकिन वह कई अन्य चीजों से वंचित थे, जैसे कि उनकी विरासत का उत्तराधिकारी न होने का संकट, एक कमजोरी जिसकी चर्चा कई लोगों ने अपने जीवनकाल में की है और अब और अधिक चर्चा कर रहे हैं। इस समय, मैं बेहद प्रतिभाशाली और संवेदनशील अभिनेत्री तब्बू के बारे में सोच रहा हूँ, जिन्होंने खुद को बेहतर अभिनेत्रियों में से एक साबित किया है, कई पुरस्कार जीते हैं और जिनसे महान सिनेमा की आशा लगाई जाती रही है। लेकिन, अगर कोई एक क्षेत्र है जिसमें वह असफल रही है, तो वह है सच्चा प्यार... वह शाम याद करके मैं बेहद खुश होता हूँ, जब मैं देव आनंद के साथ उनके पेंट हाउस में बैठा था और हैदराबाद की दो लड़कियां आई थीं। फराह नाज नाम की एक बड़ी लड़की बहुत खूबसूरत थी और उसमें अभिनेत्री बनने की महत्वाकांक्षा थी। दूसरी लड़की एक बच्ची थी और उसका नाम तबस्सुम था। देव साहब की नजर प्रतिभा को खोजने और प्रोत्साहित करने की थी चाहे वे गुरु दत्त, वहीदा रहमान, उनके अपने भाई विजय आनंद, बलराज साहनी, एस डी बर्मन, आर डी बर्मन, राखी, धर्मेंद्र, शत्रुघ्न सिन्हा या जीनत अमान क्यों न हों। उन्होंने फराह पर एक नजर डाली और कहा,‘यह लड़की तब तक बहुत आगे जाएगी जब तक कि वह अपनी जिंदगी और करियर को नुकसान नहीं पहुँचाती‘ देव साहब को अपनी अगली ही फिल्म में फराह को कास्ट करना था, लेकिन उनके बारे में खबरें इंडस्ट्री में फैल गईं और कुछ प्रमुख फिल्म निर्माता उन्हें कास्ट करना चाहते थे। यह यश चोपड़ा ही थे जिन्होंने देव साहब से बात की और उनसे अनुरोध किया कि वे उन्हें अपनी फिल्म ‘फासले‘ में कास्ट करने की अनुमति दें, जिसमें वह गायक महेंद्र कपूर के बेटे रोहन कपूर के साथ रोमांटिक लीड होंगी! देव साहब ने कभी भी किसी कलाकार को अनुबंध के तहत बाध्य करने में विश्वास नहीं किया और यश चोपड़ा को आगे बढ़कर फराह को कास्ट करने के लिए कहा और यश चोपड़ा की एक फिल्म में फराह की कास्टिंग के साथ वह रातों-रात स्टार बन गईं, जबकि फासले कुछ फ्लॉप फिल्मों में से एक थे। फराह शीर्ष पर पहुँचने की राह पर हीं थी, कि उन्होंने अपने लापरवाह व्यवहार से खुद के मौके खराब कर लिए। फराह अब लगभग इतिहास का हिस्सा बन चुकी हैं और सभी युवा अभिनेत्रियों को इससे सीख लेने चाहिए... लेकिन देव साहब उस नन्ही-सी बच्ची तबस्सुम को नहीं भूले थे, जिसे उन्होंने अपने घर के एक कोने में चुपचाप बैठे देखा था। उन्होंने एक 12 साल की लड़की और बॉम्बे जैसे शहर में उसके दुस्साहस के इर्द-गिर्द एक पटकथा लिखी। उन्होंने बेबी तबस्सुम (वह नाम जो उन्होंने उन्हें दिया था) के साथ ‘‘हम नौजवान‘‘ नामक एक फिल्म बनाई। फिल्म देव साहब और बेबी तबस्सुम दोनों के लिए बहुत अच्छा अनुभव नहीं थी। उसके बाद उस छोटी लड़की ने एक ब्रेक लिया और फिर बड़ी होकर इंडस्ट्री में वापस कदम रखा। वह बोनी कपूर की ‘‘प्रेम‘‘ में रोमांटिक लीड के रूप में आईं जिसमें बोनी ने अपने भाई संजय कपूर को पेश किया। इस फिल्म के पूरा होने में कई साल लग गए। बेबी तबस्सुम जो अब तब्बू कहलाती थीं, कई बार निराश हो जाती थीं। ‘प्रेम’ के पूर्ण होने तक वह कोई नई फिल्म साइन नहीं कर सकी। जब ‘प्रेम’ के फ्लॉप हुई तो वह निराशा से भर गईं थी। लेकिन लोग ये जानते थे कि तब्बू की प्रतिभा को किस प्रतिभा ने पहचाना है। उन्हें ‘‘हकीकत‘‘ जैसी फिल्म के द्वारा अपना स्थान बनाने से पहले कई बी ग्रेड की फिल्मों में कास्ट किया गया था। आखिरकार गुलजार के प्रस्ताव से उन्हें उनकी संवेदनशील फिल्म ‘‘माचिस‘‘ में मुख्य किरदार के रूप में अपना सही स्थान मिला, जिसमें वह इतनी अच्छी थीं कि उन्होंने अपने प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। वह असली तब्बू की शुरुआत थी जिसे देव आनंद ने तभी देख लिया था जब वह बेबी तबस्सुम थीं। ‘‘चांदिनी बार‘‘, जिसमें उन्होनें एक नर्तकी की भूमिका निभाई। इस फिल्म के लिए उन्हें दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार और कई अन्य निजी पुरस्कार जीतने से कोई रोक नहीं पाया। उन्होंने तेलुगु, तमिल, हिंदी, मराठी और यहाँ तक कि अंग्रेजी में भी फिल्में की हैं और आज 54 साल की उम्र में जब उन्होंने एक अभिनेत्री के रूप में 30 साल पूरे कर लिए हैं, तो वह हिंदी फिल्मों की सबसे अच्छी अभिनेत्रियों में से एक मानी जाती हैं। लेकिन, जैसा कि मैंने शुरुआत में कहा, तब्बू को उससे कहीं ज्यादा मिला है, जितना कोई और महिला सपने में भी नहीं सोच सकती। हालांकि, उन्हें अब तक वह प्यार नहीं मिला जिसकी उन्हें तलाश थी। उनके फिल्म ‘प्रेम’ के नायक, संजय कपूर के साथ भी अफेयर की अफवाह थी, लेकिन इसका कुछ भी पता नहीं चला। अजय देवगन के साथ उनका दूसरा अफेयर था, जब वे एक साथ कुछ साधारण फिल्में कर रहे थे, लेकिन यह तथाकथित अफेयर भी खत्म हो गया और तब्बू बेहतर होती जा रही थी और उनके करियर का ग्राफ भी ऊपर की ओर था। साजिद नाडियाडवाला के साथ उनका नाम जोड़ा जाता था, जो रहस्यमय परिस्थितियों में मरने वाली उनकी सबसे अच्छी दोस्त दिव्या भारती का पति था। उनके शादी करने और एक ही अपार्टमेंट में रहने के बारे में विश्वसनीय कहानियाँ चर्चा में थीं। लेकिन, इस प्रेम कहानी का भी अंत हो गया और फिर तब्बू को तेलुगु और कुछ हिंदी फिल्मों के बड़े स्टार नागार्जुन के रूप में प्यार मिला। तब्बू को अब मुंबई से ज्यादा हैदराबाद में देखा जाने लगा। उनके अफेयर की कहानियाँ सालों से चल रही थीं, लेकिन अचानक इस जोड़े के बारे में सारी कहानियाँ और चर्चाएँ खत्म हो गईं। तब्बू एक बार फिर दिल टूटने के साथ मुंबई वापस आ गईं। उनके टूटने का कारण एक समय की अभिनेत्री, अमला के साथ नागार्जुन की पहली शादी थी। नागार्जुन अपनी पहली शादी को खत्म नहीं करना चाहते थे। तब्बू चाहतीं थीं कि अगर उन्हें उनके साथ रिश्ता जारी रखना है तो वह अपनी पहली शादी खत्म कर दे और यह झगड़ा एक कड़वे अलगाव में समाप्त हुआ। और तब्बू अब अपनी माँ के साथ बिल्कुल अकेली रह रही है, जो मुंबई के सबसे खूबसूरत और महंगे अपार्टमेंट में से एक है। उनका सबसे मजबूत सहारा उनकी माँ ही है। क्या तब्बू अब भी अपने जीवन में प्यार के आने का इंतजार करेगी, या वह जीवन भर अपनी पिछली प्रेम कहानियों की यादों के साथ रहेगी? उन्हें लग सकता है कि फिर से प्यार में पड़ने और शादी करने के लिए 54 की उम्र बहुत अधिक है। लेकिन उनके महान शुभचिंतक के रूप में और एक व्यक्ति के रूप में जो एक अभिनेत्री के रूप में उनके उत्थान का साक्षी रहा है, मैं उन्हें बताना चाहता हूँ कि प्यार किसी उम्र या किसी भी तरह की बाधा को नहीं जानता है। प्यार केवल प्यार है और यह किसी को कभी भी हो सकता है। क्या उन्होनें अनुभवी और प्रतिभाशाली अभिनेत्री, सुहासिनी मुले (उसने गुलजार की आखिरी फिल्म हू तू तू में तब्बू के साथ काम किया है) के बारे में नहीं सुना है, जिसको साठ की उम्र में प्यार हो गया और उन्होंने शादी भी कर ली? प्यार करना कोई आसान चीज नहीं। प्यार एक तोहफा है जो कभी-कभी मिलता है। प्यार के साथ कोई खेल नहीं होता। प्यार करो तो पूरे दिल और जान से करो फिर देखो प्यार की कैसे जीत होती है, तब्बू। #Yash Chopra #Dharmendra #Tabu #Dev Anand #Boney Kapoor #Shatrughan Sinha #Waheeda Rehman #Sanjay Kapoor #Suhasini Mulay #Dilip Kumar #Zeenat Aman #Mahendra Kapoor #Sajid Nadiadwala #bollywood actress tabu #Balraj Sahni #Tabassum #Dev Sahab #Guru Dutt #Rakhi #Vijay Anand #s d burman #bollywood actresses use #IndiaAgainstAbuse on twitter #and RD Burman #Chandini Bar #Faasle #Farah #Gulzar's last flim #HAQEEQAT #his own brother #Hu Tu Tu) #Hum Naujawaan #Maachis #prem हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! 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