Rajendra Kumar Birthday : जब राजेन्द्र कुमार ने थामा था Sadhna का हाथ सन 1965 में जब फिल्म आरज़ू आई तो खासकर युवा दिलों को इस फिल्म से बहुत उम्मीद जगी। उम्मीद लगती भी क्यों न, उस दौर में राजेन्द्र कुमार और बॉलीवुड की रानी साधना, दोनों ही युवा दिलों की धड़कन हुआ करते थे... By Siddharth Arora 20 Jul 2024 in गपशप New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर सूरज, आरजू और गवांर जैसी कई शानदार फिल्में देने वाले अभिनेता राजेंद्र कुमार को फिल्मी दुनिया में जुबली कुमार के नाम से जाना जाता था. दरअसल राजेंद्र कुमार को फिल्म मदर इंडिया की कामयाबी के बाद एक अलग पहचान मिल गई. इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक लगातार 6 सुपरहिट फिल्में दीं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी वो 6 फिल्में 25 हफ्तों से ज्यादा वक्त तक सिनेमाहाल में चलीं. इसी के चलते राजेंद्र कुमार को जुबली कुमार कहा जाने लगा. उस वक्त बॉलीवुड में उनका ऐसा सिक्का चल रहा था कि राजेंद्र कुमार का किसी फिल्म में होना ही फिल्म के हिट होने की गारंटी मान लिया जाता था. सन 1965 में जब फिल्म आरज़ू आई तो खासकर युवा दिलों को इस फिल्म से बहुत उम्मीद जगी। उम्मीद लगती भी क्यों न, उस दौर में राजेन्द्र कुमार और बॉलीवुड की रानी साधना, दोनों ही युवा दिलों की धड़कन हुआ करते थे। सिनेमा हॉल में फिल्म देखते हुए दर्शकों ने तब दिल ही थाम लिया जब मुहम्मद रफी की आवाज़ में गीत - ए फूलों की रानी, बहारों की मलिका शुरु हुआ। आप इस गीत को देखें तो गौर कीजिएगा कि शुरुआत साधना के मुसकुराते हुए चेहरे और झूमते हुए बदन से होती है जहां बैकग्राउन्ड में बाग के अंदर एक फुवारा भी साधना को झूमता देख खुशी से खिल उठा है और साथ ही उसमें इन्द्रधनुष के रंग भी दिखाई दे रहे हैं। बस यहीं पर राजेन्द्र कुमार हाथ में लाल गुलाब लिए साधना पर दिलों जान से फिदा नज़र आ रहे हैं। साधना जहां केसरिया सूट और उसपर काले कार्डिगन में नज़र आ रही हैं वहीं मुसकुराते झूमते राजेन्द्र कुमार व्हाइट शर्ट पर महरूम जर्सी पहने हैं। इस गीत को लिखते वक़्त हसरत जयपुरी ने शायद साधना को नज़र भर देखा होगा क्योंकि आप गौर करें तो पायेंगे कि गीत के हर अंतरे में उनकी दिल खोलकर तारीफ़ें लिखी गई हैं। उनके कसीदे पढ़े गए हैं। फिर पढ़ें भी क्यों न, इस गाने में साधना की खूबसूरती ही ऐसी है कि जो देखे वो तारीफ करे बिना न रह सके। फिर शंकर जयकिशन के संगीत ने इस गाने को सम्पूर्ण कर दिया है। शंकर जयकिशन की ये धुन, आज, 60 साल बाद भी उतनी ही खूबसूरत, उतनी ही रोमांस भरी लगती है जितनी पहले दिन लगी थी। फिर यहाँ तारीफ डॉक्टर और बेहतरीन फिल्ममेकर रमानंद सागर साहब की भी बनती है जो उन्होंने इतना उम्दा और ज़िंदादिल गीत डायरेक्ट किया। आप इस गाने को एक बार देखना शुरु करें तो अपनी नज़र नहीं फेर पायेंगे। फिर गीत के अंत में साधना और राजेन्द्र कुमार का नदी में मोटर बोट पर सवार हो चले जाना इस गाने को एक अलग ही लेवल पर खत्म करता है। आप भी इस गीत का मज़ा लीजिए: ऐ फूलों की रानी बहारों की मलिकातेरा मुस्कुराना गज़ब हो गयान दिल होश में है न हम होश में हैंनज़र का मिलाना गज़ब हो गया तेरे होंठ क्या हैं गुलाबी कंवल हैंये दो पत्तियां प्यार की इक गज़ल हैंवो नाज़ुक लबों से मुहब्बत की बातेंहमीं को सुनाना गज़ब हो गया कभी खुल के मिलना कभी खुद झिझकनाकभी रास्तों पे बहकना मचलनाये पलकों की चिलमन उठाकर गिरानागिराकर उठाना गज़ब हो गया फ़िज़ाओं में ठंडक घटा भर जवानीतेरे गेसुओं की बड़ी मेहरबानीहर इक पेंच में सैकड़ों मैकदे हैंतेरा लड़खड़ाना गज़ब हो गया Top 20 Hit Song - Rajendra Kumar: Read More: Birthday: इन फिल्मों में Naseeruddin Shah ने निभाई थी शानदार भूमिका Fahmaan Khan ने Shweta Tiwari के साथ डेटिंग की अफवाहों पर तोड़ी चुप्पी Gulshan Kumar की भतीजी और Bhushan Kumar की चचेरी बहन Tisha का हुआ निधन जहीर संग शादी की बात पर शत्रुघ्न सिन्हा ने दिया था ये पहला रिएक्शन हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article